पिंजौर, 16 मई (निस)
गत नवबंर माह से प्रदेश सरकार ने कालका, पिंजौर सहित आसपास के अर्बन क्षेत्र के गांवों में छोटे प्लाटों की रजिस्ट्रियों पर रोक लगा रखी है जिससे कालका तहसील में न केवल प्लाटों बल्कि मकानों तक की रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रही हैं। जबकि इस महामारी के दौर में सरकार को राजस्व की अति आवश्यकता है। राजपूत कश्यप सभा कालका संरक्षक मान सिंह मान, चौधरी सुरेंद्र चौहान, पूर्व पार्षद जगमोहन धीमान, वाल्मीकि नेता महेन्द्र वाल्मीकि, आरएस यादव, राकेश करोतिया ने सरकार से मांग की है कि अर्बन एरिया में शामिल 113 गांवों के बयनामा पर लगी रोक तुरंत हटाई जाए। बता दें कि प्रदेश सरकार ने नवंबर में एक अधिसूचना जारी कर नगरीय क्षेत्र विकास, विनियमन अधिनियम 1975 की धारा 7ए लगा दी थी जिस कारण छोटे प्लॉटों की रजिस्ट्री पर रोक लग गई थी। इससे कालका क्षेत्र के लोग आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं क्योंकि इस अर्ध पहाड़ी क्षेत्र में कारोबार का कोई साधन नहीं है। लोग अपनी जमीन आदि की खरीद-फरोख्त कर अपनी जरूरतों के लिए धन जुटाते हैं। ब्लॉक में अभी भी कालका-पिंजौर नगर परिषद क्षेत्र की नई कालोनियों, गांवों आदि की रजिस्ट्रियां बंद हैं।