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हाईकोर्ट में बरामदा बनाने का आदेश बरकरार

नयी दिल्ली, 28 मई (एजेंसी) सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें चंडीगढ़ प्रशासन को अपने अदालत कक्ष संख्या-1 के सामने एक बरामदा बनाने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत...
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट।

नयी दिल्ली, 28 मई (एजेंसी)

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें चंडीगढ़ प्रशासन को अपने अदालत कक्ष संख्या-1 के सामने एक बरामदा बनाने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि इससे यूनेस्को के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं होगा। केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने कहा था कि वह ‘चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स’ के विश्व धरोहर का दर्जा खोने की आसन्न संभावना से चिंतित है, जिसे प्रसिद्ध वास्तुकार ली कार्बूजिए ने डिजाइन किया था। ‘चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स’ में विधानसभा, हाईकोर्ट और सचिवालय शामिल हैं।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा 2024 और 2025 में दिए गए आदेशों के खिलाफ चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा दायर अपील पर अपना फैसला सुनाया। पीठ ने कहा, ‘उपरोक्त चर्चा के मद्देनजर, हमारा मानना ​​है कि न्यायालय के कक्ष संख्या दो से नौ तक के सामने पहले से मौजूद ‘बरामदों’ की डिजाइन के अनुरूप न्यायालय के कक्ष संख्या एक के सामने ‘बरामदा’ के निर्माण का निर्देश देने वाला हाईकोर्ट का निर्णय पूरी तरह से न्यायोचित है और यह यूनेस्को के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं करेगा।’

पीठ ने कहा कि ‘बरामदा’ के निर्माण के संबंध में हाईकोर्ट के आदेश में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। इसने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर ध्यान दिया, जो चंडीगढ़ की ओर से पेश हुए और कहा कि हाईकोर्ट के 29 नवंबर, 2024 के आदेश के अनुपालन में बरामदे के प्रस्तावित निर्माण को लेकर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन का सैद्धांतिक रूप में कोई झगड़ा नहीं है।