मोहाली, 11 जुलाई (निस)
पंजाब के पूर्व सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की अगवाई में ट्रस्ट ने बलौंगी गांव की 1 एकड़ शामलात जमीन को लीज पर लेकर बनाई गई बाल गोपाल गौशाला का कब्जा लेने के लिए मौके पर पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों को सिद्धू व उनके समर्थकों के विरोध के कारण बैरंग लौटना पड़ा।
गौशाला की जमीन की लीज बीते दिन सरकार की ओर से रद्द कर दी गई थी। हालांकि वापस आते समय प्रशासन के अधिकारियों ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि वह गौशाला वाली जमीन का कब्जा लेने के लिए नहीं आए थे बल्कि मौके का जायजा लेने के लिए आए थे ताकि इस संबंधी पूरी रिपोर्ट तैयार की जा सके।
पंजाब सरकार की ओर से बीती 6 जुलाई को इस जमीन की लीज को रद्द करने के निर्देश जारी किए गए थे। लीज को रद्द करने संबंधी यह कारण दिया गया था कि बाल गौपाल संस्था की ओर से लीज की रकम पंचायत को जमा नहीं करवाई गई। इस संबंधी ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग की ओर से सोमवार को इस जमीन का कब्जा लेने के लिए पुलिस सुरक्षा भी मांगी गई थी और पंचायत की ओर से सुबह 9 बजे इस जगह का कब्जा लिया जाना था। लेकिन इससे पहले ही बलबीर सिंह सिद्धू अपने समर्थकों के साथ गौशाला पहुंच गए और वहां टेंंट लगाकर धरना लगा दिया। इस दौरान वहां भारी पुलिस फोर्स तैनात करनी पड़ी।
पुलिस ने धक्का मारकर गेट खुलवाया
सिद्धू ने कहा कि सरकार की ओर से या पंचायत ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया कि वह गौशाला की जमीन का कब्जा छोड़ दें। सिद्धू बोले सरकार ने सीधे तौर पर इस लीज को रद्द करने का फैसला लिया है, जबकि उन्हें चाहिए था कि पहले सरकार उनको नोटिस देती। उसके बाद लीज रद्द की जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सिद्धू बोले उनके पास सिर्फ पांच एकड़ जमीन का कब्जा है और उनकी ओर से पहले भी कहा जा चुका है कि गौशाला की जमीन पूरी की जाए। इस मौके पर बलबीर सिंह सिद्धू ने गौशाला का गेट बंद करके पुलिस को अंदर जाने से रोक दिया, लेकिन पुलिस मुलाजिमों ने धक्का मारकर गेट खुलवा लिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि इस जांच के दौरान जमीन की मिनती, गौधन की गिनती, शेड की गिनती की गई है जिसके बाद सभी वहां से चले गए।