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अनुकरणीय है कला मर्मज्ञ बीएन गोस्वामी का जीवन : गुरबचन जगत

द ट्रिब्यून स्कूल में बॉस्केटबॉल कोर्ट का उद्घाटन

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ट्रिब्यून स्कूल सेक्टर-29 डी चंडीगढ़ के परिसर में नये बने बास्केटबाल कोर्ट के उद्घाटन अवसर पर द ट्रिब्यून ट्रस्ट के ट्रस्टी जस्टिस एसएस सोढी, गुरबचन जगत और उनके बायें ट्रिब्यून स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की चेयरपर्सन चांद नेहरू, प्रिंसिपल रानी पोद्दार और स्वर्गीय डॉ. बीएन गोस्वामी के पौत्र माधव गोस्वामी (व्हील चेयर पर)। -रवि कुमार
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केवल तिवारी/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 9 दिसंबर

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भारतीय कला के विविध पक्षों को गहराई से समझने और उकेरने वाले डॉ. बीएन गोस्वामी ने अपना संपूर्ण जीवन कला को ही समर्पित कर दिया था। आजादी के बाद का संभवत: पहला मामला रहा होगा, जब किसी आईएएस अधिकारी ने यह जॉब छोड़कर कला के इतिहास को खंगालने में खुद को खपा दिया। उनका जीवन अनुकरणीय है। ये बातें मणिपुर के पूर्व राज्यपाल जम्मू-कश्मीर पुलिस एवं बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक पद्मश्री गुरबचन जगत ने कहीं। वह सोमवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 29 स्थित द ट्रिब्यून स्कूल में बने बॉस्केटबॉल कोर्ट के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। बास्केटबॉल कोर्ट कला इतिहासकार बीएन गोस्वामी, डॉ. करुणा गोस्वामी, डॉ. अपूर्व गोस्वामी, डॉ. मालविका गोस्वामी को समर्पित है।

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इस मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एसएस सोढी, द ट्रिब्यून के महाप्रबंधक अमित शर्मा, ट्रिब्यून समाचार पत्र समूह की प्रधान संपादक ज्योति मल्होत्रा, दैनिक ट्रिब्यून के संपादक नरेश कौशल, पंजाबी ट्रिब्यून की कार्यकारी संपादक अरविंदर पाल कौर जौहल, स्कूल प्रबंधन कमेटी की चेयरपर्सन चांद नेहरू, प्रिंसिपल रानी पोद्दार, बीएन गोस्वामी के पोते माधव गोस्वामी आदि मौजूद रहे।

द ट्रिब्यून स्कूल प्रांगण में बॉस्केटबॉल कोर्ट की शुरुआत को बेहतरीन पहल बताते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुरबचन जगत ने कला इतिहासकार बीएन गोस्वामी के साथ बिताये दिनों को याद किया। उन्होंने कहा, ‘विभाजन के बाद हम दोनों होशियारपुर के एक ही कॉलेज में आये। रिटायरमेंट के बाद भी हमारे पारिवारिक संबंध बने रहे। बुद्धिजीवी गोस्वामी परिवार के सभी लोग सरल और सहज हैं।’ गोस्वामी की याद्दाश्त और कवि हृदय व्यक्तित्व को याद करते हुए भावुक हुए गुरबचन जगत ने कहा, ‘अपने निधन के दो दिन पहले उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि लेखों के संकलन के प्रकाशन के लिए दिल्ली स्थित फलां प्रकाशक से बात करो।’ उन्होंने कहा, ‘हम जैसे लोग तो तात्कालिक विषयों पर लिख लेते हैं, लेकिन कला अनुरागी गोस्वामी का लेखन गहराई के साथ शोधपरक होता था। उन्होंने ‘ट्रिब्यून’ अखबार में भी कला इतिहास पर अनेक लेख लिखे।’ गुरबचन जगत ने गोस्वामी के लेखों के संकलन की जरूरत पर बल दिया। गुरबचन के आग्रह पर वहां मौजूद सभी लोगों ने खड़े होकर स्व. बीएन गोस्वामी की याद में कुछ पल का मौन रखा।

कार्यक्रम की शुरुआत संगीत विभाग के प्रमुख अतुल दुबे और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना एवं सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रिंसिपल रानी पोद्दार ने स्व. बीएन गोस्वामी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और विशेषतौर पर उनकी ‘पहाड़ी पेंटिंग’ के काम को याद किया। उन्होंने बीएन गोस्वामी के आर्थिक सहयोग के लिए समारोह में पहुंचे माधव गोस्वामी का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में स्कूल प्रबंधन कमेटी सदस्य कोमल आनंद, वाईपीएस- पटियाला के हेड मास्टर नवीन दीक्षित, एसजीजीएस, सेक्टर 26 में एसोसिएट प्रोफेसर एवं चंडीगढ़ बॉस्केटबॉल एसोसिएशन के टेक्निकल चेयरमैन मंदीप थौर, एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट आरडी सिंह, अभिभावक सदस्य गायत्री कुमारी, बृजमोहन तिवारी, टीचर मेंबर सीमा असरी, कुसुम कंवर आदि भी उपस्थित रहे। अंत में स्कूल के स्पोर्ट्स विभागाध्यक्ष डॉ. सचिन कश्यप ने अतिथियों एवं सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

सद्भावना मैच में खालसा कॉलेज की लड़कियों ने बाजी मारी

बास्केटबॉल कोर्ट के उद्घाटन के बाद चंडीगढ़ यूथ गर्ल्स एवं खालसा कॉलेज की गर्ल्स टीम के बीच सद्भावना मैच खेला गया। इसमें शानदार प्रदर्शन करते हुए खालसा कॉलेज की गर्ल्स टीम विजयी रही। शुरू से ही बढ़त बनाने में कामयाब रही इस टीम ने पहले क्वार्टर तक 8-4 की बढ़त बना ली। उसके बाद लगातार हावी रहते हुए उन्होंने 24-16 के अंतर से चंडीगढ़ यूथ गर्ल्स टीम को हरा दिया।

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