वॉशिंगटन से शुरू हुआ साई बाबा पीस अवॉर्ड्स का सफर
अमरीका के वॉशिंगटन डी.सी. में पहली बार भारतीय आध्यात्मिक स्वर गूंजा। चंडीगढ़ के औशिम खेतरपाल ने यहां ‘साई बाबा पीस अवॉर्ड्स’ की घोषणा की। यह सम्मान विश्व शांति, करुणा और मानवता को समर्पित है। इसे नोबेल शांति पुरस्कार का आध्यात्मिक विकल्प माना जा रहा है।
नेशनल प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में हार्वर्ड स्कॉलर और दो बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित बार्ट एस. फिशर, अंतरराष्ट्रीय रिलेशंस स्ट्रेटेजिस्ट डॉ. संजना जॉन सहित कई प्रतिष्ठित लोग मौजूद थे। इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया संवाद और पॉडकास्ट भी हुए।
आध्यात्मिकता से जुड़ा कूटनीतिक संदेश
खेतरपाल ने वॉशिंगटन डी.सी. स्थित भारतीय दूतावास में भी भाग लिया और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘स्पिरिचुअल डिप्लोमेसी और मानवीय सेवा’ के लिए विशेष साइटेशन प्राप्त किया।
न्यूयॉर्क में हुआ बड़ा आयोजन
लॉन्ग आइलैंड के एक सार्वजनिक समारोह में 900 से अधिक उद्यमियों और समाजसेवियों ने भाग लिया। खेतरपाल ने कहा—‘साई बाबा की शिक्षाएं, श्रद्धा और सबूरी, आज की दुनिया के लिए सबसे जरूरी हैं।’
संयुक्त राष्ट्र में अवॉर्ड समारोह का प्रस्ताव
आगामी महीनों में संयुक्त राष्ट्र के कॉन्फ्रेंस हॉल में ‘साई बाबा पीस अवॉर्ड्स’ आयोजित करने का निमंत्रण भी खेतरपाल को मिला है। यह आयोजन फरवरी-मार्च में हो सकता है।
अवॉर्ड्स का उद्देश्य
- श्रद्धा, करुणा, सत्य और सेवा के मूल्यों को आगे बढ़ाना।
- ऐसे व्यक्तियों व संस्थाओं को सम्मानित करना, जो मानवता को जोड़ने का काम कर रहे हैं।
- एक ऐसी विरासत बनाना, जो राजनीति से परे शांति और एकता का संदेश दे।