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मोहाली नगर निगम की सीमावृद्धि का मुद्दा फिर चर्चा में, सरकार ने तुरंत मांगी रिपोर्ट

स्थानीय निकाय विभाग ने कमिश्नर को भेजा पत्र, हाईकोर्ट में सरकार ने 25 मई तक मांगा था समय
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कुलदीप सिंह/निस

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मोहाली, 14 जुलाई

मोहाली नगर निगम की सीमावृद्धि को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद एक बार फिर तेज़ हो गया है। पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग ने मोहाली नगर निगम के कमिश्नर को पत्र जारी कर सीमावृद्धि से संबंधित कार्रवाई रिपोर्ट तुरंत भेजने के निर्देश दिए हैं। मोहाली नगर निगम की सीमावृद्धि का प्रस्ताव लगभग चार साल पहले कांग्रेस सरकार के समय पास किया गया था। उस दौरान मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू निगम के मेयर बने। इस विस्तार में बलोंगी, बलियाली, बड़ माजरा, टीडीआई सिटी, सेक्टर 90, 91, सेक्टर 82 व अन्य क्षेत्रों को निगम की सीमा में शामिल किया गया था। लेकिन 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद यह प्रक्रिया रुक गई।

इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता राम कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सिविल रिट याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को 25 मई, 2025 तक निर्णय लेने की समयसीमा दी थी। सरकार ने कोर्ट में शपथपत्र दाखिल किया था, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

पत्राचार के बावजूद कार्रवाई नहीं, मानहानि का दावा करने की चेतावनी

राम कुमार ने विभिन्न अवसरों पर स्थानीय निकाय विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की। 26 मई को भेजे गए पत्र में उन्होंने लिखा कि बार-बार पत्र लिखने और पर्याप्त समय बीतने के बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए वे विभाग के खिलाफ अदालत में अवमानना का दावा करेंगे। अब विभाग के अधीन सचिव ने मोहाली नगर निगम के कमिश्नर को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि यह मामला कोर्ट से जुड़ा हुआ है, और इसकी गंभीरता को देखते हुए रिपोर्ट तत्काल भेजना सुनिश्चित किया जाए। पत्र में राम कुमार द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस का भी उल्लेख किया गया है। इस मामले में संपर्क करने पर सामाजिक कार्यकर्ता राम कुमार ने दैनिक ट्रिब्यून से कहा कि वे बार-बार हाईकोर्ट के आदेशों की प्रति संलग्न करके विभाग से कार्रवाई की अपील करते रहे हैं, लेकिन सरकार ने चुप्पी साधे रखी, जिससे उन्हें अब मानहानि का केस दायर करने का फैसला लेना पड़ा। वहीं, मोहाली नगर निगम के कमिश्नर परमिंदर पाल सिंह ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है और इस पर कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही इस पत्र का उत्तर स्थानीय निकाय विभाग को भेज दिया जाएगा।

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