हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन-निगम पर लगाया 25-25 हजार जुर्माना
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड से जुड़ी जनहित याचिका में बार-बार निर्देश देने के बावजूद जवाब दाखिल न करने पर चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। चीफ जस्टिस शील नागू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि प्रशासन और निगम ने अदालत के स्पष्ट आदेशों के बावजूद प्रारंभिक जवाब दाखिल नहीं किया, जो गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
अदालत ने असंतोष जताते हुए दोनों संस्थाओं को यह राशि निर्धारित समय में जमा कराने के निर्देश दिए। यह जनहित याचिका डड्डूमाजरा लैंडफिल से संबंधित है, जो लंबे समय से चंडीगढ़ के लिए पर्यावरण और जनस्वास्थ्य की बड़ी चिंता बना हुआ है। याचिकाकर्ता ने कचरा निस्तारण व्यवस्था, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली में सुधार और संस्थागत जवाबदेही तय करने की मांग की है।
नगर निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि अब भी लगभग 48 हजार मीट्रिक टन कचरा जमा है और हाल की बरसात के कारण सफाई कार्य प्रभावित हुआ है। इस पर अदालत ने पूछा कि प्रभावित कॉलोनियों के निवासियों के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और क्या वे कॉलोनियां विधिवत स्वीकृत हैं। प्रशासन ने बताया कि ये बस्तियां निगम क्षेत्र घोषित होने से पहले की हैं और वहां अस्थायी व स्थायी ढांचे दशकों से मौजूद हैं। खंडपीठ ने यह भी सवाल उठाया कि चंडीगढ़ में इंदौर मॉडल जैसी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली क्यों नहीं अपनाई जा रही। इस पर निगम ने सफाई कार्य तेज करने का आश्वासन दिया।