हाईकोर्ट ने 3 अक्तूबर निर्धारित की अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की तिथि
जीरकपुर नगर परिषद अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे मामले में हाईकोर्ट ने अब अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की तिथि 3 अक्तूबर निर्धारित की है। हाईकोर्ट ने मोहाली के उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को इस बैठक की सभी व्यवस्थाएं करने का आदेश दिया है। यह बैठक हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त संयोजक की देखरेख में होगी।
गौरतलब है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही 11 पार्षदों ने नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष उदयवीर सिंह ढिल्लों के विरुद्ध बगावत कर दी थी। अप्रैल 2023 में 11 पार्षदों ने बगावत करते हुए उनके खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग की थी। पार्षदों का यह विरोध बढ़ता गया और बड़ी संख्या में पार्षद अध्यक्ष के खिलाफ हो गए।
इसी कड़ी में पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था और बैठक बुलाने की मांग की थी। इसी संबंध में पार्षदों ने बैठक कर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे ढिल्लों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बागी पार्षदों द्वारा की गई बैठक को अवैध बताया था। इसके बाद उदयवीर सिंह ढिल्लों ने अलग से याचिका दायर की थी। दोनों याचिकाओं को मिलाकर हाईकोर्ट की डबल बेंच सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अध्यक्ष की जगह डिप्टी कमिश्नर मोहाली को नगर परिषद जीरकपुर का प्रबंधक नियुक्त किया था, जो फिलहाल शहर का कामकाज देख रहे हैं। गौरतलब है कि कोर्ट इससे पहले पार्षदों द्वारा अध्यक्ष ढिल्लों के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर चुका है। अदालत ने अब नए सिरे से बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं ताकि बैठक के दौरान सभी नियमों का पालन किया जा सके। बागी पार्षदों को कुल 31 पार्षदों में से दो-तिहाई यानी 22 पार्षदों का समर्थन चाहिए। शुरुआत में बागी पार्षद अध्यक्ष के खिलाफ एकजुट थे, लेकिन अदालती सुनवाई लंबी चलने के कारण ये पार्षद गुटों में बंट गए हैं। अब देखना यह है कि क्या ये तीसरी तारीख को इकट्ठे होंगे या अध्यक्ष को कुर्सी से हटाने का प्रस्ताव ला पाएंगे या नहीं। संपर्क करने पर उदयवीर सिंह ढिल्लों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बैठक का समय 3 अक्तूबर दोपहर 2 बजे तय किया गया है। उन्होंने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी द्वारा सभी पार्षदों को बैठक के संबंध में नोटिस भेजे जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी बहाने बैठक स्थगित न हो। इसकी सुरक्षा और अन्य सभी कार्य डिप्टी कमिश्नर मोहाली और एसएसपी मोहाली द्वारा किए जाएंगे।