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 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को तीर्थ यात्रा करवाएगी सरकार

मंत्रिमंडल की बैठक में योजना के लिए 100 करोड़ का बजट मंजूर
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 3 अप्रैल

पंजाब सरकार ने राज्य में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को दोबारा शुरू करने का ऐलान किया है। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी प्रदान की गई। इसके तहत 50 से अधिक उम्र के लोग फ्री धार्मिक स्थानों की यात्रा कर पांएगे। इसका सारा खर्च सरकार उठाएगी। इसके लिए 100 करोड़ का बजट रखा गया है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री हरपाल चीमा, उद्योग मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंध ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के अंतर्गत 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को धार्मिक स्थलों की यात्रा करवाई जाएगी। सरकार ने इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का कोष आवंटित किया है। योजना के लिए पंजीकरण अप्रैल माह के अंत में प्रारंभ होगा और यात्राएं मई माह से शुरू होंगी। चीमा ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार ने 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस की स्थापना की। इन स्कूल ऑफ एमिनेंस में 80 स्कूलों का विभाग ने चयन किया गया है। जिनमें स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम की शुरुआत की गई है, जिसके तहत पंजाब में तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारी एक-एक स्कूल को पांच के लिए गोद लेंगे। वे स्कूलों में जाकर बच्चों से रूबरू होंगे।

किसान अपने खेत से बेच सकेंगे रेत, तय होगी सीमा

पंजाब में बड़ा मुद्दा बने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए सरकार नए नियम लागू करने का जा रही है। प्रदेश की जनता को मकान निर्माण के लिए सस्ती रेत व बजरी मुहैया करवाना यकीनी बनाया जाएगा। मंत्रिमंडल की बैठक में माइनिंग व क्रशर पॉलिसी 2023 के संशोधन को मंजूरी दी गई। इसमें डिमांड व सप्लाई के अंतर को कम करने, अवैध खन्नन रोकने, राजस्व बढ़ाने और लोगों को सस्ते रेट पर रेत बजरी मुहैया करवाने के लिए फैसला लिया है। इसमें पहले सार्वजनिक खनन स्थल और कॉमर्शियल खनन साइट को शामिल किया गया था। जबकि अब तीन नई कैटेगरी जोड़ी गई हैं। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बैठक के बाद बताया कि इसमें पहली कैटेगरी क्रशर खनन साइट शामिल की गई है। इस स्कीम में जिन क्रशर मालिकों के पास स्वयं की भूमि है, वे अपनी भूमि का उपयोग कर सकेंगे या पट्टे पर भूमि ले सकेंगे। वे सरकार को रॉयल्टी का भुगतान करेंगे। एक निश्चित सीमा तय की जाएगी, जिसके अनुसार वे खनन कर पाएंगे। दूसरी लैंड ऑनर कैटेगरी बनाई गई। इस कैटेगरी में जिन किसानों के खेतों में रेत उपलब्ध है, वे स्वयं भी रेत की बिक्री कर सकेंगे। वे समूह के माध्यम से या खुद स्थल पर बिक्री कर सकेंगे।सरकारी भूमि के संबंध में डीसी निर्णय लेंगे। दो की जगह अब पांच स्थान होंगे, जिससे रेत की कीमतें कम होंगी और यह आसानी से उपलब्ध होगी।

 

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