आप सरकार की पांचवीं डेडलाइन भी गई, नशा-मुक्त नहीं हुआ पंजाब : जोशी
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 1 जून (हप्र)
पंजाब को नशा मुक्त करने का वादा एक बार फिर छलावा साबित हुआ है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से तय की गई 31 मई की पांचवीं डेडलाइन भी बीत गई, लेकिन प्रदेश में नशे की स्थिति पहले से बदतर हो गई है। जमीनी हकीकत यह है कि अब गांव-गांव में चिट्टा बोर्ड लगाकर बेचा जा रहा है और ड्रग्स की होम डिलीवरी आम हो चुकी है। भाजपा पंजाब मीडिया प्रमुख विनीत जोशी ने रविवार को यह आरोप लगाते कहा कि तीन वर्षों में सरकार ने पांच डेडलाइन तय कीं, लेकिन नतीजा शून्य रहा। नशा हर गाँव-शहर में बेरोकटोक बिक रहा है और तो और जेलों तक में धड़ल्ले से बिक रहा है। जोशी ने कहा कि आप सरकार कार्रवाई के खोखले आंकड़े पेश कर वाहवाही लूट रही है। उदाहरण के तौर पर सांसद मालविन्द्र कंग ने पटियाला का केस बताते हुए जिसे नशा तस्कर कहा था, वह तो नशे का आदी युवक था, एफ.आई.आर. के मुताबिक उससे नॉन कमर्शियल क्वानटिटी मिली थी और वह एक साल से नशा छुड़ाओ केंद्र में इलाज करवा रहा था। पंजाब की आप सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान की नशा विरोधी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 26 जून, 2022, 2023 और 2024 को आए तीन अंतर्राष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस पर सरकार ने कोई प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम नहीं किया।