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चंडीगढ़ की 60 सड़कों की हालत ‘बेहद खराब’

फंड के संकट में अटकी मरम्मत, मानसून में हादसों का खतरा- आठ साल से नहीं हुई कारपेटिंग
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रामकृष्ण उपाध्याय/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 22 जून

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वित्तीय संकट से जूझ रहे चंडीगढ़ नगर निगम के एक हालिया सर्वेक्षण में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, शहर की 60 सड़कें ‘बेहद खराब’ और 23 ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई हैं, जिनकी पिछले 6 से 8 वर्षों में कोई मरम्मत नहीं हुई। इनकी खस्ता हालत के चलते मानसून के दौरान हादसों का खतरा बढ़ गया है।

नगर निगम ने वी-3 (सेक्टर डिवाइडिंग) सड़कों की मरम्मत के लिए यूटी प्रशासन से 28 करोड़ रुपये की विशेष ग्रांट मांगी थी, लेकिन अब तक एक भी रुपया जारी नहीं हुआ। निगम वर्तमान में शहर की लगभग 1860 किलोमीटर (करीब 60%) सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी निभा रहा है।

ये हैं जर्जर सड़कें

सेक्टर 19/27, 27/30, 20डी, 30बी, 45ए/बी, सिविल अस्पताल के सामने की सड़क, मलोया कॉलोनी, धनास की मिल्क कॉलोनी, खुड्डा लाहौरा और मोबाइल मार्केट के पीछे की सड़कें।

काम क्यों नहीं हुआ शुरू?

नगर निगम रोड कमेटी के चेयरमैन दिलीप शर्मा ने बताया कि 45 करोड़ रुपये के मरम्मत कार्यों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन फंड न मिलने के कारण कार्य शुरू नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि अब ये कार्य मानसून के बाद ही शुरू होंगे।

जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी

नगर निगम की फंड की कमी और सड़क मरम्मत में देरी को लेकर जनप्रतिनिधियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। वरिष्ठ उपमहापौर जसबीर सिंह बंटी ने इसे जनता के साथ सीधा अन्याय बताते हुए कहा कि बरसों से मरम्मत की बाट जोह रही सड़कों पर चलना अब जान जोखिम में डालने जैसा है और निगम प्रशासन केवल फंड का बहाना बना रहा है। डिप्टी मेयर तरुणा मेहता ने कहा कि अगर केंद्र या यूटी प्रशासन समय पर पैसा नहीं दे रहा, तो निगम को अन्य विकल्पों की ओर देखना होगा। क्या जनता रोज-रोज गड्ढों में गिरेगी और हम केवल बैठकों में बहस करेंगे?

भाजपा पार्षद सौरभ जोशी ने बताया कि उनके वार्ड की सड़कों के लिए प्रस्ताव महीनों पहले तैयार हो चुका है, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका।

पार्षदों ने सुझाव दिया है कि वी-3 सड़कों के लिए अलग फंड निर्धारित किया जाए। जबकि इन्हें यूटी प्रशासन को सौंपने का प्रस्ताव नगर निगम की 25 मार्च की बैठक में पहले ही अस्वीकृत किया जा चुका है।

जनता की पीड़ा : सेक्टर 15 की निवासी सुमन रानी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर प्रशासन इन सड़कों को सुधार नहीं सकता तो अधिकार भी वापस ले ले, पर जनता को तकलीफ में न डाले।

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