विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 30 अप्रैल
नगर निगम सदन की बैठक में ‘शक्तियों’ को लेकर सभी पार्टियों के पार्षद एकजुट हो गए। सदन में कई टेंडरों की अलाटमेंट को लेकर पार्षदों ने सवालों की झड़ी लगा दी। पार्षदों के सवालों पर निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने कहा कि टेंडर अलॉटमेंट उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। यह सदन को सूचना देने के लिए प्रस्ताव लाया गया है। जिस पर भाजपा पार्षद कंवर राणा भड़क गए और उन्होंने कहा कि निगम द्वारा पार्षदों से सहयोग की उम्मीद की जाती है। हालांकि जब वे सहयोग मांगते हैं तो यह कह कर हाथ खींच लिए जाते हैं कि यह अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही है तो वे आग्रह करते हैं कि प्रशासन के अफसर खुद ही नगर निगम चला लें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्षदों को कमजोर करने का प्रयास किया जाएगा तो यहां पर चारों राजनीतिक दलों के पार्षद मौजूद हैं। उनके आपस में भले ही वैचारिकी मतभेद हों मगर इस मसले पर सभी पार्षद एकजुट हैं। इस पर सभी पार्षदों ने एकजुटता दिखाई और कहा कि उन्हें बताया जाए कि टेंडर के लिए जो शर्तें और नियम क्या हैं। कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत ने कहा कि शहर के विकास के लिए एकजुट होकर काम करेंगे। बैठक में आज शहर से जुड़े कई मुद्दे पारित हो गए। इनमें रायपुर कलां में कैटल पांउड का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव भी था।
नगर निगम के दायरे में आती कमर्शियल, इंडस्ट्रियल और नर्सिंग होम साइट्स को लीजहोल्ड की बजाय फ्री होल्ड पर करने को लेकर प्रशासन की नोटिफिकेशन को अपना लिया गया। दूसरी ओर चंडीगढ़ रजिस्ट्रेशन ऑफ पेट डॉग्स ( बॉय-लॉज 2020 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत जुर्माना राशि, जब्त कुत्तों के मेंटीनेंस चार्ज में बढ़ोतरी की गई है। चंडीगढ़ नगर निगम के फायर कर्मियों के लिए आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए 56 ब्रीदिंग अपाराटस सेट्स खरीद को भी मंजूरी दे दी गई।
ईडब्ल्यूएस को टैक्स के नोटिस का विरोध
ईडब्ल्यूएस के टैक्स के नोटिस देने का पार्षदों ने विरोध किया। पार्षदों का कहना था कि 2019 से आज तक का टैक्स उन पर लगाया गया है, जोकि गलत है। वो इतना टैक्स नहीं दे सकते। पार्षदों ने पिछला टैक्स माफ करने और इसे आधा करने का मुद्दा उठाया। इस पर निगम कमिश्नर ने कहा कि सदन प्रस्ताव पास करे उसके बाद वो इसे सेक्रेटरी लोकल गवर्नमेंट के पास भेजेंगी। वहां से पास होने के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा। इसके अलावा विकास नगर की सड़क का मुद्दा भी उठा। पार्षद ने कहा कि तीन महीने पहले बनी सड़क टूट गई है। इस पर निगम कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए हैं।
मलबे के निपटारे का उठाया मुद्दा
कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत ने मुद्दा उठाया कि कुछ लोग रेहड़ियों पर अपने घरों की कंस्ट्रक्शन और रेनोवेशन का मलबा सेक्टरों में गिरवा रहे हैं। इसके लिए जगह तय होनी चाहिए, जहां लोग मलबा गिरा सकें। आप पार्षद प्रेम लता और कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह ने कहा कि शहर में पानी के रेट बढ़ा दिए गए। वहीं कालोनियों और गांवों में हाउस टैक्स वसूला जा रहा है। जिसका रेट बढ़ कर आ रहा है। ऐसे में लोगों को कुछ राहत मिलनी चाहिए। आप पार्षद कुलदीप दलोड़ ने कहा कि जिन कंपनियों को शहर की सफाई का ठेका दिया हुआ है वे कर्मचारियों को कई महीने सेलरी नहीं देती। सेलरी भी पूरी नहीं दी जा रही। कर्मचारियों को निगम द्वारा सीधे रखा जाना चाहिए, जिससे उनका शोषण खत्म होगा। बैठक के दौरान आरडब्ल्यूए को सफाई का जिम्मा दिए जाने को लेकर आप पार्षद योगेश ढींगरा और प्रेम लता के बीच मतभेद साफ नजर आया। सप्लीमेंट्री एजेंडे का विरोध करते हुए ढींगरा ने कहा कि लायंस कंपनी की बजाय आरडब्ल्यूए को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। जिस पर प्रेम लता ने तंज कसते हुए कहा कि आरडब्ल्यूए की वजह से ही पार्कों का बुरा हाल है। आप पार्षदों के इस वैचारिकी मतभेद से भाजपा को खिलखिलाने का मौका मिल गया। शहर में दक्षिणी सेक्टरों की सफाई का काम लायंस कंपनी ही उठा रही है। कंपनी का नए सिरे से टेंडर अलॉटमेंट कर दी गई थी जो एक अप्रैल से प्रभावी है।