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बदलेगा श्रीमाता मनसा देवी मंदिर का स्वरूप

श्रद्धालुओं के लिए बनेंगे 3 बड़े वातानुकूलित भंडारा हॉल
चंडीगढ़ में मंगलवार को श्रीमाता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते सीएम नायब सिंह सैनी।
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आगामी अश्विन नवरात्रों को लेकर हरियाणा सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को श्रीमाता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की 22वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि श्री माता मनसा देवी मंदिर परिसर में तीन बड़े वातानुकूलित भंडारा हॉल का निर्माण किया जाए। इनमें से प्रत्येक हॉल में कम से कम 1500 श्रद्धालु एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकें। इसके साथ ही अत्याधुनिक स्तर के रसोईघर की व्यवस्था भी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक स्थायी हॉल तैयार नहीं होते, तब तक नवरात्रों के लिए वैकल्पिक रूप से अस्थायी हैंगर लगाकर बड़े स्तर पर भंडारे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

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श्रद्धालुओं को तीर्थाटन के अधिक अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री ने पंचकूला के धार्मिक स्थलों को आपस में जोड़ने हेतु बस सेवा शुरू करने के निर्देश दिए। इसमें श्रीमाता मनसा देवी मंदिर, चंडी माता मंदिर, काली माता मंदिर, मोरनी, बड़ा त्रिलोकपुर और नाडा साहिब जैसे प्रमुख तीर्थ शामिल होंगे। उन्होंने काली माता मंदिर में कमल आकृति के भवन निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए इसे समय पर पूरा करने के निर्देश भी दिए।

बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल, कालका की विधायक शक्ति रानी, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, पंचकूला मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के़ मकरंद पांडुरंग, पर्यटन विभाग के निदेशक डॉ़ शालीन, एचएसवीपी की प्रशासक मोनिका गुप्ता, पंचकूला के उपायुक्त सतपाल शर्मा, श्राइन बोर्ड की सीईओ निशा सहित बोर्ड के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।

सौंदर्यीकरण और मास्टर प्लान पर चर्चा

बैठक में मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार और मास्टर प्लान के तहत सौंदर्यीकरण पर विशेष जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि परिसर में यदि कोई अतिक्रमण है तो उसे हटाया जाए। साथ ही, भित्ति चित्रों का संरक्षण और हनुमान वाटिका का सौंदर्यीकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने एचएसवीपी द्वारा निर्मित बूथों की स्थिति की भी समीक्षा की और कहा कि अनुपयोगी व जर्जर बूथों का सर्वे कर उन्हें हटाने की संभावना पर विचार हो। मास्टर प्लान के अनुसार इन स्थलों का उपयोग वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।

स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री सैनी ने साफ कहा कि धार्मिक स्थलों पर स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता है। नवरात्रों में भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, इसलिए मंदिर परिसर में विशेष सफाई अभियान चलाया जाए ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और पवित्र वातावरण मिल सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि 17 सितंबर से 2 अक्तूबर तक चलने वाले सेवा पखवाड़े के दौरान मंदिर परिसरों और अन्य धार्मिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान को और प्रभावी ढंग से चलाया जाए।

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