चंडीगढ़, 2 नवंबर (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ नगर निगम के बाद अब चंडीगढ़ औद्योगिक एवं पर्यटन विकास निगम (सिटको) भी गम्भीर वित्तीय संकट से गुजर रहा है। उसके पास भी अपने कर्मचारियों को वेतन देने की राशि नहीं है। यूटी प्रशासन ने गत दिवस केन्द्र सरकार से चंडीगढ़ नगर निगम को वित्तीय संकट से उबारने के लिए 275 करोड़ की अतिरिक्त अनुदान राशि की मांग की थी व अब प्रशासन ने केन्द्र को पत्र लिख कर सिटको का वित्तीय संकट दूर करने को करीब 27 करोड़ रुपये के अतिरिक्त अनुदान की मांग की है। पहली बार प्रशासन ने सिटको के लिए अतिरिक्त ग्रांट केन्द्र से मांगी है। कोरोना काल में सिटको पर वित्तीय संकट आया है। सिटको के करीब 1331 कर्मचारियों का भविष्य भी अधर में है। बताया जाता है कि सिटको के अलग-अलग विभागों में करीब 1331 कर्मचारी हैं। सिटको के संबंधित अधिकारी का कहना था कि सिटको के पास कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए कोई धन नहीं है।
सूत्रों के अनुसार केन्द्र को भेजे गए अनुरोध में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण सिटको की विभिन्न इकाइयां लम्बे समय से बंद हैं जिस कारण उन्हें घाटा हुआ है। संबंधित अधिकारी का कहना था कि महामारी के चलते सिटको को किराए पर दिए गए वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों का लाइसेंस शुल्क भी माफ करने के लिए मजबूर किया गया। सिटको स्थायी, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन पर हर महीने 5 करोड़ रुपये खर्च करता है।
लंबित कार्यों के लिए की थी डिमांड
ज्ञात रहे कि इससे पहले प्रशासन ने निगम के लिए भी केन्द्र से 275 करोड़ रुपये की अतिरिक्त अनुदान राशि मांगी थी। यह राशि गत एक वर्ष से लम्बित विकास कार्यों के लिए मांगी गई थी। सूत्रों के अनुसार प्रशासक के सलाहकार द्वारा केन्द्र सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि विभिन्न विकास कार्यों के लिए निगम अनुदान-सहायता के रूप में 275 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। प्रशासन ने निगम को 1,470 करोड़ रुपये बजट की विस्तृत सूची प्रस्तुत करने के लिए भी कहा है। प्रशासन ने निगम के बजट में करीब 20 प्रतिशत कट लगाया था।