मनीमाजरा (चंडीगढ़) 5 जुलाई (हप्र)
करोड़ों के इमीग्रेशन फ्रॉड के चर्चित आरोपी दंपति देवेंदर गिल उर्फ़ देवेंदर थापा व क्रिस्पी खेरा पर चंडीगढ़ के सेक्टर 17, 36 व 39 थानों में 5 मामले दर्ज हैं जिस पर कार्रवाई करते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने बीते वर्ष सितंबर में देवेंदर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। बाद में पंजाब पुलिस देवेंदर को प्रोडक्शन वारंट पर ले गई परन्तु उसके बाद आज तक उसे न तो कोर्ट में पेश किया जा रहा है और न ही चंडीगढ़ समेत 7 राज्यों की पुलिस को सौंपा जा रहा है जहां उसके खिलाफ मामले दर्ज हैं। आज पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील एडवोकेट वरिंदर सिंह ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता में ये आरोप लगाते हुए बताया कि इस दंपति ने चंडीगढ़ समेत सात राज्यों के 700 बच्चों से करोड़ों रुपए ऐंठ रखे हैं, जिनमें से 250 बच्चों को न्याय दिलाने के लिए वे इस केस से जुड़ें हैं। वरिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें यह प्रेस कान्फ्रेंस इसलिए करनी पड़ी है क्योंकि एक वीडियो के जरिए क्रिस्पी खैरा कह रही थी कि वह उनके खिलाफ निराधार आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान वरिंदर सिंह ने दस्तावेज पेश करते हुए दंपति पर लगाए आरोपों को सही बताया।
क्रिस्पी खेरा को भी इस वर्ष मार्च माह में चंडीगढ़ पुलिस सूचना मिलने पर मोहाली पकड़ने पहुंच गई थी परन्तु उसकी कार के चालक ने पुलिस मुलाजिमों पर गाड़ी चढ़ा दी थी व उसके बाद से वह पीओ घोषित है। वरिंदर सिंह के मुताबिक देवेंदर व क्रिस्पी पिछले 10 साल में सात कंपनियां बनाकर फ्रॉड कर रहे हैं और इनके खिलाफ चण्डीगढ़ समेत सात राज्यों की पुलिस में कई मल्टीपल एफआईआर दर्ज हैं परन्तु पंजाब पुलिस के असहयोगी रवैये के चलते प्रोडक्शन वारंट भी तामील नहीं हो पा रहे। यहां तक कि उन्हें कोर्ट में भी पेश नहीं किया जा रहा। बल्कि पिछली 23 जून को तो पंजाब पुलिस के मुलाजिम देवेंदर को कोर्ट में पेश करने के बजाए उसके घर ले गए। इसका वीडियो सामने आने पर दो पुलिस वाले सस्पेंड किये गए।