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थैंक यू पीजीआई चंडीगढ़, आरिका अब सुनने लगी है

देश में पहली बार ‘स्मार्टनैव’ तकनीक से सफल श्रवण यंत्र प्रत्यारोपण
पीजीआई में आरिका का ऑपरेशन करने वाली टीम। -ट्रिब्यून फोटो
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विवेक शर्मा/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 23 अक्तूबर

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नौ साल की आरिका अब दुनिया की हर आवाज सुन सकेगी और यह मुमकिन हो पाया है पीजीआई चंडीगढ़ की बदौलत। पीजीआई चंडीगढ़ ने एक बार फिर चिकित्सा विज्ञान में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। यहां के डॉक्टरों ने आरिका का सफलतापूर्वक श्रवण यंत्र प्रत्यारोपण किया है। यह ऑपरेशन खास है, क्योंकि इसमें भारत में पहली बार ‘स्मार्टनैव’ नामक अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है।

इस सर्जरी का नेतृत्व ओटोलैरिंगोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. जैमंती बख्शी ने किया। उन्होंने बताया कि ‘स्मार्टनैव’ तकनीक से श्रवण यंत्र को अधिक सटीकता से लगाया जा सकता है, जिससे रोगी को बेहतर सुनने का अनुभव मिलेगा और भविष्य में सर्जरी की संभावना भी कम हो जाएगी। ऑडियोलॉजी टीम का नेतृत्व डॉ. धरम वीर और डॉ. नूरैन आलम ने किया।

बच्ची की नयी शुरुआत : आरिका के माता-पिता इस ऑपरेशन से बेहद खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि अब उनकी बेटी दुनिया की हर आवाज सुन पाएगी। आरिका के लिए यह एक नयी शुरुआत है, अब वह खेल-कूद और पढ़ाई में अपने दोस्तों के साथ पूरी तरह से भाग ले पाएगी।

‘स्मार्टनैव’ तकनीक एक क्रांति : ‘स्मार्टनैव’ तकनीक श्रवण यंत्र प्रत्यारोपण के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव है। यह तकनीक डॉक्टरों को वास्तविक समय में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है, जिससे सर्जरी को और अधिक सटीक बनाया जा सकता है। इसके कारण रोगी को कम दर्द होता है और सर्जरी का समय भी कम हो जाता है।

650 से ज्यादा हो चुके हैं ऑपरेशन

पीजीआई चंडीगढ़ ने श्रवण यंत्र प्रत्यारोपण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। इस संस्थान ने अब तक 650 से अधिक मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। ‘स्मार्टनैव’ तकनीक का इस्तेमाल कर पीजीआई ने एक बार फिर साबित किया है कि वह देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक है।

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