जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 31 मार्च
केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बाद अब पंजाब इंजीनियरिंग कालेज (पेक डीम्ड यूनिवर्सिटी) में टीचर्स की रिटायरमेंट ऐज 62 से बढ़कर 65 साल हो जायेगी। पेक के निदेशक प्रो. बलदेवराज सेतिया और बोर्ड आफ गवर्नर्स के सदस्य प्रो. अरुण ग्रोवर ने बताया कि 8 अप्रैल को पेक के बोर्ड आफ गवर्नर्स की बैठक बुलायी गयी है जिसमें अन्य आइटमों के साथ सप्लीमेंटरी एजेंडा में सेवानिवृत्ति आयु सीमा बढ़ाकर 65 साल किये जाने का मामला भी लाया जा रहा है। पता चला है कि इसी दिन से पेक इसे एडाप्ट करने जा रहा है और अगले दिन से ही कोई भी टीचर 65 साल की आयु पर ही रिटायर होगा।
पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूटी में केद्रीय सेवा नियमों को लागू करने की घोषणा की थी जिसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। आर्ट्स कालेज, पेक, यूटी के कालेजों और गवर्नमेंट मेडिकल कालेज व पीजीआई में केंद्र के सेवा नियम लागू हो जायेंगे। हालांकि पंजाब विश्वविद्यालय इस संबंध में यूपीए सरकार के समय में ही सीनेट-सिंडिकेट से रेजुलेशन पास कर केंद्र को दे चुका है। दिसंबर 2011 में पीयू सीनेट ने इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री को इस संबंध में एक प्रतिवेदन दिया था जिसमें टीचर्स की आयु 60 से बढ़ाकर 65 साल करने की मांग थी। तत्कालीन कुलपति आरसी सोबती ने अपने स्तर पर 60 साल के बाद तीन साल की री-इम्पलायमेंट स्कीम लागू कर दी। कुछ माह बाद ही कुलपति बदल जाने के बाद नये कुलपति प्रो. अरुण ग्रोवर ने भी यह मसला केंद्र के साथ उठाया।
तत्कालीन एमएचआरडी मंत्री कपिल सिब्बल ने इस बारे में पंजाब की हां को आवश्यक बताया लेकिन जब कुलपति ग्रोवर ने 60 से आयु 63 करने का हवाला दिया तो उन्होंने कहा कि हमसे पूछ कर नहीं किया, आप को 65 करना है करें, कौन रोक रहा है? इसी के बाद प्रो. एके ग्रोवर ने भी 60 के बाद पांच साल की री-इम्पलायमेंट कर दी और दोबारा रिन्यू की व्यवस्था को भी सरल कर दिया। एक तरह से पीयू में पहले से ही रिटायरमेंट आयु 65 साल है। इस पर केंद्र को रेजुलेशन पहले ही भेजा हुआ है, गृह मंत्रालय और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को ही इस पर कोई संज्ञान लेना है।
कुलपति प्रो. राजकुमार ने जताई अनभिज्ञता
इस बारे में पूर्व कुलपति प्रो. अरुण कुमार ग्रोवर ने बताया कि पीयू में केंद्र के नियम अधिसूचना के आधार पर लागू हो सकते हैं क्योंकि पीयू तो पहले ही इस बारे में लिखकर दे चुकी है। रही बात एफिलिएटिड कालेज की, यूटी में तो केंद्र के रूल लागू हो जायेंगे जबकि पंजाब स्थित कालेजों में पंजाब सरकार अपनी ओर से कोई फैसला ले। हालांकि मौजूदा कुलपति प्रो. राजकुमार ने ऐसे किसी रेजुलेशन के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की।