जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़. 17 अगस्त
पंजाब विश्वविद्यालय सीनेट के चुनाव टालने को लेकर सिंडिकेट मैंबर विरोध में रजिस्ट्रार आफिस के आगे धरने पर बैठ गये हैं। सिंडिकेट सदस्य एवं ग्रुप के लीडर प्रो. नवदीप गोयल का कहना है कि पीयू सीनेट चुनाव टाला जाना राजनीति से प्रेरित है। प्रो. गोयल ने कहा कि उन्हें बताया जाये कि इसके लिये निर्देश कहां से मिले? उन्होंने कहा कि यह फैसला आरएसएस के इशारे पर लिया गया है, इसमें बहुत गड़बड़ है, कोई भी फैसला होने पर सिंडिकेट को रिपोर्ट करना होता मगर कुलपति ने इस विषय में कुछ नहीं किया।
प्रो. गोयल ने कहा कि कोविड-19 का बहाना बनाकर जो फैसला लिया गया है उसमें वकीलों-डॉक्टरों की सलाह आवश्यक थी या प्रशासन से पूछते फिरोगे। धरने पर उनके साथ अशोक गोयल, प्रो. केशव मल्होत्रा और प्रो. इमानुअल नाहर बैठ गये हैं जबकि अन्य मैंबर भी जल्द पहुंचने का दावा किया गया। उन्होंने बताया कि आज जब वे कुलपति प्रो. राजकुमार से मिले तो उन्होंने कहा कि एडवाइजर की सलाह पर चुनाव टाले गये हैं। इस संबंध में दस्तावेज मांगने पर उन्होंने दफ्तर में कागज दिखाने को कहा मगर कागज उन्हें उपलब्ध नहीं कराये गये जिस पर सभी सिंडिकेट सदस्य विरोध स्वरूप धरने पर बैठ गये। प्रो. नवदीप ने कहा कि इस मामले में बहुत ही बड़ा गड़बड़झाला है। कुलपति प्रो. राजकुमार ने पीयू के कैलेंडर के रेगुलेशन 12.2 के तहत अपनी शक्तियों का हवाला देकर कोविड-19 महामारी के चलते चंडीगढ़ प्रशासन की राय पर चुनाव टालने का निर्णय लिया है। यह निर्णय दो माह या गृह मंत्रालय द्वारा जारी की जाने वाली संशोधित गाइडलाइन के मुताबिक प्रशासन की इजाजत मिलने तक लागू रहेगा। कोई अगली तारीख सक्षम अधिकारी के निर्देशों के बाद ही तय होगी। ये रेगुलेशन आपात परिस्थितियों में कुलपति को शक्तियां प्रदान करता है कि चुनाव किसी भी स्टेज पर कोई वाजिब कारण दर्ज कराकर टाल सकते हैं लेकिन सिंडिकेट को रिपोर्ट करना होगा। सवाल ये है कि सिंडिकेट की मीटिंग कब होगी।