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भोज नग्गल में गंदे पानी की सप्लाई, लोगों में रोष

इलाके के भोज नग्गल में जनस्वास्थ्य विभाग की कथित लापरवाही के कारण लोग वर्षों से नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। लोगों ने बताया कि साधु का खील स्थित वाटर बूस्टर में विभाग ने कोई फिल्टर टैंक नहीं...
साधु का खील वाटर प्रोजेक्ट पर बंद पड़े फिल्टर वाले गड्ढे से मिट्टी निकालते कर्मचारी।
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इलाके के भोज नग्गल में जनस्वास्थ्य विभाग की कथित लापरवाही के कारण लोग वर्षों से नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। लोगों ने बताया कि साधु का खील स्थित वाटर बूस्टर में विभाग ने कोई फिल्टर टैंक नहीं बनाया है। विभाग की ओर से नदी के बीच साधारण पाइप से ही पानी मुख्य टैंक में लाकर गांवों में सप्लाई दी जा रही है। फ़िल्टर टैंक के नाम पर विभाग ने केवल एक गड्ढा तैयार कर रखा है, जिससे सीधे पानी टैंक में डाल दिया जाता है। साधु का खील वाटर बूस्टर से विभाग दवारा नियमों के विपरीत गंदा पानी सप्लाई करके लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जाता है। इलाके के कई गांवों में हजारों उपभोक्ता यही गंदा पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। बरसात के दौरान नालों में बहने वाली गाद और गंदगी भी सप्लाई के पानी के साथ घरों में चली जाती है। कई बार ग्रामीणों ने विभाग को समस्या से अवगत करवाया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हाल ही में हुई बरसात के बाद पिछले 15 दिनों से सप्लाई पूरी तरह बाधित है।

जिला परिषद सदस्य रोमा राणा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला उपायुक्त से मांग की है कि जनस्वास्थ्य विभाग को सख्त आदेश दिया जाए और लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए। सरपंच इंद्रा देवी ठंडोग, पूर्व सरपंच खुशाल सिंह ठंडोग, प्रीतम सिंह मोड़ी, हंसराज, जसवंत सिंह, भागवंती देवी लोहाड़ी, लक्ष्मण सिंह गवाही, तुलाराम खील, पृथ्वी मोड़ी सहित गांव के ग्रामीणों ने भी प्रशासन से समस्या के त्वरित समाधान की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला सीधा लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा है और लापरवाही से गंभीर बीमारियां फैल सकती हैं, इसलिए तत्काल स्थाई समाधान किया जाए।

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