केवल तिवारी/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 जुलाई
हाथ-पैरों का कंपकपाना, चलने में असुविधा महसूस करना, शरीर में अकड़न जैसे कुछ लक्षण पार्किसंस रोग से संबंधित हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि समय पर डॉक्टरों से सलाह ली जाये और इलाज शुरू हो जाये। पहले इस रोग से संबंधित सर्जरी ना के बराबर उपलब्ध थी, लेकिन अब उत्तर भारत के कुछ ही अस्पतालों में इसकी एडवांस तकनीक है जिसमें पंचकूला स्थित पारस हेल्थ भी शामिल है। इस अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हाल ही में एक रोगी की सफल सर्जरी की है। इसकी जानकारी शुक्रवार को लंदन व सिंगापुर में प्रशिक्षित पार्किसंस विशेषज्ञ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ जसलोवलीन कौर सिद्धू एवं डॉ अमन बातिश ने पत्रकारों को दी। उन्होंने इसको लेकर जागरूकता बढ़ाने पर भी बल दिया।
डॉक्टरों ने हाल में एक ऐसे मरीज की सफल सर्जरी करने का दावा किया है जो इस बीमारी से 10 वर्षों से पीड़ित थे। सर्जरी के बाद जहां रोगी की दवाओं पर निर्भरता कम हो गयी, वहीं वह अपने सामान्य कामकाज करने लगे हैं। डॉ. सिद्धू एवं डॉ. बातिश ने बताया कि संबंधित मरीज की पूरी जांच करने के बाद सिर में इलेक्ट्रोड डाला जाता है जिसका कनेक्शन एक बैटरी से होता है जो शरीर में लगाई जाती है। इस प्रक्रिया को डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) कहा जाता है। यह बहुत सावधानी वाला काम है जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम एक साथ लगती है। उन्होंने साथ ही दावा किया कि पारस हेल्थ रीजन का ऐसा पहला अस्पताल है जिसके पास यह तकनीक है। संबंधित वीडियो दिखाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकारें इस इलाज से संबंधित चीजों को सब्सिडाइज्ड कर दें तो लोगों को लाभ होगा। तेलंगाना सरकार ने ऐसा किया है।