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PGIVAC 2025 का सफल समापन... हर उम्र के लिए टीकाकरण की नई परिभाषा, भविष्य की वैक्सीन रणनीति पर मंथन

PGIVAC 2025 का सफल समापन... हर उम्र के लिए टीकाकरण की नई परिभाषा, भविष्य की वैक्सीन रणनीति पर मंथन
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 13 जून

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पांच दिन तक चले वैक्सीन विज्ञान के इस वैश्विक मंच PGIVAC 2025 ने शुक्रवार को नई वैक्सीन रणनीतियों, शोध और नीति निर्माण के मार्ग को स्पष्ट करते हुए भव्य समापन किया। "वर्तमान और नए टीकों पर अद्यतन" थीम पर आधारित अंतिम दिन का सत्र कई मायनों में खास रहा- यह एक ऐसा मंच बना जहां शिशु से लेकर वयस्क तक, रेबीज से लेकर एचआईवी और स्ट्रेप्टोकोकस से लेकर डेंगू तक- हर वैक्सीन की वर्तमान स्थिति और भविष्य की राह पर गहन विमर्श हुआ।

जीवन भर की सुरक्षा: लाइफ कोर्स इम्युनाइजेशन का संदेश

दिन की शुरुआत डॉ. चंद्रकांत लहरिया के वक्तव्य से हुई, जिन्होंने ‘लाइफ कोर्स इम्युनाइजेशन’ की संकल्पना को विस्तार दिया। उन्होंने कहा, "टीकाकरण अब सिर्फ बच्चों तक सीमित नहीं, यह जीवन के हर पड़ाव की सुरक्षा की गारंटी है।" डॉ. सुनीला गर्ग ने वयस्क टीकाकरण रणनीतियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंडा में लाने की वकालत की।

वैक्सीन से दवा प्रतिरोध के खिलाफ लड़ाई

डॉ. कामिनी वालिया ने यह उल्लेखनीय तथ्य प्रस्तुत किया कि टीकाकरण से एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) की वैश्विक चुनौती को भी काबू किया जा सकता है। उनके इस दृष्टिकोण ने वैक्सीन को सिर्फ रोकथाम नहीं, बल्कि स्वास्थ्य नीति का रणनीतिक स्तंभ बना दिया।

वयस्क टीकाकरण और व्यवहारिक अनुभव

डॉ. ललित सांखे, डॉ. मुरलीधर तांबे और डॉ. वीणा कामत ने वयस्क टीकाकरण क्लीनिकों से जुड़े अनुभव और न्यूमोकोकल वैक्सीन के अपडेट साझा किए, जो नीति-निर्माताओं और चिकित्सकों के लिए उपयोगी साबित हुए।

विशेषज्ञों ने दिए कई वैक्सीन अपडेट

डॉ. परविंदर कौर चावला, डॉ. आशीष भल्ला और डॉ. रश्मि बग्गा ने शिंगल्स, कॉलरा, हेपेटाइटिस A, एचपीवी और टीबी जैसी बीमारियों के लिए टीकों की उपलब्धता और प्रभाव पर चर्चा की। ट्रैवल वैक्सीन पर जानकारी डॉ. स्वयंप्रग्यान परिडा ने दी।

बच्चों से किशोरों तक- हर उम्र के लिए टीकाकरण पर फोकस

दोपहर के सत्र में डॉ. संजय वर्मा और डॉ. उमेश उपाध्याय ने न्यूमोकोकल, हेक्सावैलेन्ट, टाइफाइड और RSV जैसे टीकों पर अपडेट दिए। इसके बाद डॉ. ओमेश भारती, डॉ. हरप्रीत सिंह और डॉ. जेरोम किम ने रेबीज, डेंगू, मलेरिया और एचआईवी/एड्स से संबंधित टीकों की वर्तमान स्थिति साझा की।

जलवायु और वैक्सीन कार्यक्रमों के बीच संबंध

डॉ. रविंद्र खैवाल ने यह महत्वपूर्ण बिंदु उठाया कि जलवायु परिवर्तन किस प्रकार टीकाकरण की पहुंच और प्रभाव को प्रभावित कर रहा है। वहीं, डॉ. विवेक सागर ने ग्रुप A स्ट्रेप्टोकोकस वैक्सीन पर हो रहे शोध की जानकारी दी।

अनुसंधान को गति देगा पब्लिक-प्राइवेट सहयोग

तकनीकी सत्र का समापन डॉ. तरुण सलूजा की उस प्रस्तुति से हुआ, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में वैक्सीन अनुसंधान को पब्लिक-प्राइवेट साझेदारी के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है।

सम्मान और संकल्प के साथ समापन

समापन सत्र में पीजीआईएमईआर के डीन (रिसर्च) डॉ. संजय जैन ने सभी प्रतिभागियों को ‘PGIVACer’ के रूप में प्रमाण पत्र प्रदान किए। पांच दिन तक चले इस सम्मेलन में देश-विदेश के विशेषज्ञों, डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया।

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