जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 19 जुलाई
पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और सोई ने यूआईएलएस के छठे सेमेस्टर की परीक्षा पुन: कराने के विरोेध में परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के बाहर धरना दिया।
कई छात्र संगठनों का कहना है कि पीयू ने लॉ का ‘इंटरप्रेटेशन आफ स्टेच्यूट’ की परीक्षा 15 को लेनी थी जिसे किन्हीं कारणों से स्थगित कर अगले दिन 16 जुलाई को कर दिया।
लेकिन जलालाबाद सहित कुछ सेंटरों पर समय रहते सूचना न मिलने के कारण उक्त पेपर 15 जुलाई को ही ले लिया गया और वो ही पेपर अगले दिन सभी जगहों पर रिपीट कर दिया गया। पता चलने पर पीयू प्रशासन ने इसे चूक मानते हुए पेपर दोबारा कराने का फैसला लिया है। छात्र इसी का विरोध कर रहे हैं।
विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का कहना है कि 15 जुलाई को होने वाली परीक्षा को पहले स्थगित किया गया और इसके दोबारा आयोजन का नोटिस अगले दिन के लिये यानी 16 जुलाई के लिये निकाल दिया। दोनों दिन एक ही पेपर आना पीयू प्रशासन की गलती है। इसमें छात्रों का क्या दोष है। इसलिये परीक्षा दोबारा न ली जाये। एबीवीपी अध्यक्ष अमित पूनिया ने कहा कि बिना किसी गलती के छात्रों को परेशान किया जा रहा है और उन्हें पीड़ित किया जा रहा है। एबीवीपी पीयू सचिव शौर्य मेहरा ने कहा कि निर्णय पूरी तरह से मनमाना और अनुचित है।
सक्षम शर्मा, केतन गर्ग, मेहंदी सिंघल, महक सिंह, देवांश, गुंजन उपस्थित थे।
जिम्मेदार लोगों को पर होगी कार्रवाई : परीक्षा नियंत्रक
परीक्षा नियंत्रक प्रो. जगत भूषण का कहना है कि यूआईएलएस के छठे सेमेस्टर के एक पेपर में चूक हो गयी है। 15 को ही जलालाबाद के एक सेंटर में पेपर करा दिया जबकि इसके लिये अगला दिन निर्धारित था। इस बारे में पता चलने पर प्रशासन जवाबदेह लोगों के प्रति कार्रवाई करेगा और इस पेपर के दोबारा आयोजन की नई तिथि जल्द घोषित कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि अभी तो छात्र घरों को चले गये हैं लिहाजा बाद में ही इस बारे में कोई फैसला हो पायेगा। उन्होंने बताया कि कुछ छात्र संगठनों ने भी उन्हें ज्ञापन दिये हैं जिन्हें उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है। अगर पेपर दोबारा न लिये जाने की कोई संभावना बनती है तो इस बारे में भी सूचित कर दिया जायेगा।