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हलफनामे के सवाल पर छात्रों ने नौ घंटे बंद रखा पीयू का गेट नंबर-2

चंडीगढ़, 26 जून (ट्रिन्यू) पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में जारी की गयी हैंडबुक आफ इन्फार्मेशन में धरने-प्रदर्शन से पहले पीयू प्रशासन से परमिशन और हलफनामा दिये जाने की शर्त के विरोध में आज छात्रों ने नौ घंटे गेट नंबर...
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चंडीगढ़, 26 जून (ट्रिन्यू)

पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में जारी की गयी हैंडबुक आफ इन्फार्मेशन में धरने-प्रदर्शन से पहले पीयू प्रशासन से परमिशन और हलफनामा दिये जाने की शर्त के विरोध में आज छात्रों ने नौ घंटे गेट नंबर 2 बंद रखकर धरना दिया। छात्र लगातार इस मसले पर पीयू प्रशासन का विरोध कर रहे हैं। आज फिर डीयूआई आफिस में एक बैठक रखी गयी थी लेकिन कोई छात्र संगठन या छात्र नेता बातचीत के लिये नहीं आया। उलटा छात्र वीसी आफिस से रोष मार्च निकालते हुए गेट नंबर-2 की ओर चले गये और गेट बंद कर धरने पर बैठ गये। देर रात तक छात्र डीयूआई के आने का इंतजार करते रहे मगर कोई मिलने नहीं आया। थक हारकर छात्रों ने रात करीब नौ बजे सभी छात्र संगठनों के नेताओं से बातचीत के बाद यह कहते हुए गेट खोल दिया कि कल सभी पार्टियां इस पर मंथन कर आगे की रणनीति तय करेंगी।

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इस बीच स्टूडेंट्स कौंसिल के प्रधान अनुराग दलाल ने कहा कि हलफनामे के सवाल पर सभी छात्र संगठन एकमत हैं और पुरजोर तरीके से इसे वापस लिये जाने की मांग करते हैं। एनएसयूआई के सिकंदर बूरा, पार्षद एवं एनएसयूआई नेता सचिन गालव एवं एबीवीपी और वामपंथी संगठनों के छात्र भी धरने पर डटे रहे। उधर, डीएसडब्ल्यू प्रो. अमित चौहान ने कहा कि पीयू देश के उन गिने-चुने विश्वविद्यालयों में से है, जहां हर साल स्टूडेंट्स कौंसिल के चुनाव होते हैं, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और छात्र भागीदारी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कहा कि हमारा एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शैक्षणिक वातावरण अप्रभावित रहे और छात्रों को उनकी पढ़ाई के दौरान किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। डीयूआई प्रो. योजना रावत ने छात्रों को आज दोपहर 3:30 बजे उनके कार्यालय में बैठक के लिये समय दिया था, लेकिन छात्र प्रतिनिधि नहीं आए। उन्होंने कहा कि फिर भी, सार्थक बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं।

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