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ट्रांसफ्यूजन सेवाओं के लिए बुनियादी ढांचे की मजबूती जरूरी

11वें राष्ट्रीय सम्मेलन ट्रांसमेडकॉन के उद्घाटन अवसर पर बोले स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल
चंडीगढ़ में शुक्रवार से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ट्रांसमेडकॉन 2023 के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. अतुल गोयल, डॉ. आरआर शर्मा, डॉ. देबाशीष, डॉ. विवेक लाल, डॉ. जसबिंदर कौर (दीप जलाते हुए) और डॉ. रवनीत कौर। -रवि कुमार
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चंडीगढ़, 3 नवंबर (ट्रिन्यू)

इंडियन सोसायटी आफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसन (आईएसटीएम) के तत्वावधान में आयोजित किये जा रहे 11वें राष्ट्रीय सम्मेलन ट्रांसमेडकॉन 2023 के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि भारत सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग्स में ट्रांसफ्यूजन सेवाओं के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह के आयोजनों से ऐसी समस्याओं के कुछ व्यावहारिक समाधान सामने आएंगे। उन्होंने रक्त आधान समुदाय को राष्ट्रीय रक्त नीति के लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नए जोश और उत्साह के साथ काम करने के लिए भी प्रेरित किया। आईएसटीएम के चेयरमैन डॉ. देबाशीष ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि ट्रांसफ्यूजन के क्षेत्र में होने वाले शोध पर विचार किये जाने बारे बताया। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. आरआर शर्मा ने सभी मेहमानों का स्वागत किया जबकि आयोजन सचिव डॉ. रवनीत कौर ने अतिथियों व प्रतिभागियों का आभार जताया। समारोह में मेजबान पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल, पंजाब मेडिकल कौंसिल के सदस्य डॉ. विजय कुमार और जीएमसीएच की प्रिंसिपल निदेशक डॉ. जसबिंदर कौर विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित थीं। सम्मेलन में लगभग 600 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं और ढाई दिन तक चलने वाले इस वैज्ञानिक कार्यक्रम में 130 अतिथि संकाय आधान दवाओं के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेंगे। सम्मेलन के दौरान डॉ. बीसी संगल ओरेशन, प्रो. राजेंद्र चौधरी ने ‘एसजीपीजीआई में इम्यूनोहेमेटोलॉजी के विकास: सीरोलॉजी से आणविक स्तर तक’ की अपनी यात्रा साझा की। सम्मेलन में प्रस्तुत दो सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक शोध पत्रों के लिए जेजी जॉली और वीएल रे पुरस्कार दिए गए। जेजी जॉली पुरस्कार जेआईपीएमईआर, पुड्डुचेरी की डॉ. शाहिदा को दिया गया और डॉ. वीएल रे पुरस्कार जीएमसीएच, चंडीगढ़ की डॉ. अर्शप्रीत कौर और उनकी मेंटर प्रोफेसर रवनीत कौर को दिया गया। डॉ. सुरवो संखा दत्ता को उनके नवोन्मेषी प्रदर्शन के लिए युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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