राज्य 31 दिसंबर तक आरक्षित वन के रूप में जारी करे अधिसूचना : हाईकोर्ट
पंचकूला, 20 जून (हप्र)
हरियाणा के एकमात्र पहाड़ी क्षेत्र मोरनी में 40 हजार किसानों के नौतोड़ जमीन के मालिकाना हक के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ ने विजय बंसल द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए मोरनी हिल्स क्षेत्र में वन संरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। न्यायालय ने वन अधिनिर्णयन अधिकारी (एफएसओ) को निर्देश दिया है कि वह अपनी रिपोर्ट जल्दी जमा करे और राज्य 31 दिसंबर, 2025 तक धारा-20 के तहत आरक्षित वन के रूप में अधिसूचना जारी करे। हाईकोर्ट ने एफएसओ को सर्वेक्षण, सीमांकन और मानचित्र तैयार करने के लिए आवश्यक दस्तावेज और सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश दिया है। एफएसओ को राजस्व अधिकारियों, वन अधिकारियों और सर्वे ऑफ इंडिया से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, एफएसओ को उनके कर्तव्यों को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही न्यायालय के अंतरिम आदेश के अनुसार, 18 दिसंबर 1987 की अधिसूचना में दिखाए गए मोरनी हिल्स क्षेत्र में सभी गैर-वन गतिविधियों पर रोक जारी रहेगी जब तक कि धारा 20 के तहत अधिसूचना जारी नहीं हो जाती। इसके साथ ही हरियाणा के वन सचिव को न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में एक शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें 7 महीनों के भीतर अनुपालन की जानकारी दी जाएगी। अनुपालन न करने पर संबंधित अधिकारियों के लिए दंडात्मक परिणाम हो सकते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2026 के दूसरे सप्ताह में होगी।