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Sports Injury पीजीआई विशेषज्ञों ने खिलाड़ियों को सिखाए चोट और तनाव से जीतने के गुर

स्पोर्ट्स इंजरी की पहचान और उपचार पर दिया गहन प्रशिक्षण
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हरियाणा राई में आयोजित मेडिकल कैंप में पीजीआई के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु भयाना, एडीशनल प्रोफेसर डॉ. असीम मेहरा और कुलपति अशोक कुमार अन्य अधिकारियों के साथ मौजूद।
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स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी राई में खिलाड़ियों के लिए एक विशेष अवसर तब बना जब यहां स्पोर्ट्स मेडिसिन और मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित मेडिकल कैंप आयोजित किया गया। इस कैंप में पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने एथलीटों और कोचों को मैदान पर होने वाली चोटों से लेकर मानसिक दबाव तक, हर चुनौती को पहचानने और उससे उबरने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।

डॉ. हिमांशु भयाना ने बताया कैसे करें जटिल चोट की पहचान

कैंप की शुरुआत पीजीआई चंडीगढ़ के एसोसिएट प्रोफेसर और स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु भयाना के विस्तृत सत्र से हुई। उन्होंने खिलाड़ियों को बताया कि मैदान पर होने वाली जटिल चोटों को समय रहते कैसे पहचाना और सही उपचार से कैसे ठीक किया जाता है।

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सत्र में एसीएल और पीसीएल रिकंस्ट्रक्शन, मेनिस्कस रिपेयर, शोल्डर इंस्टेबिलिटी और रोटेटर कफ रिपेयर जैसे अहम विषयों पर गहराई से चर्चा हुई।

डॉ. भयाना ने कहा कि फिजियोथेरेपी की मूल समझ, चोट से बचाव की रणनीतियां, नियमित स्क्रीनिंग, स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग तथा सही वॉर्म अप और कूल डाउन किसी खिलाड़ी के करियर को लंबा और सुरक्षित बनाते हैं। उन्होंने हरियाणा के खिलाड़ियों में आम तौर पर देखी जाने वाली घुटने और कंधे की चोटों का उल्लेख करते हुए बताया कि कार्यक्रम आधारित रिहैबिलिटेशन इससे उबरने के लिए अत्यंत प्रभावी है।

मानसिक मजबूती से ही बनता है चैंपियन : डॉ. असीम मेहरा

कैंप का दूसरा अहम हिस्सा मानसिक फिटनेस पर केंद्रित रहा, जिसे पीजीआई चंडीगढ़ के अतिरिक्त प्रोफेसर (मनोचिकित्सा) डॉ. असीम मेहरा ने संचालित किया।

डॉ. मेहरा ने कहा कि हर खिलाड़ी को मनोवैज्ञानिक, फिजियोथेरेपिस्ट, समाजशास्त्री और न्यूट्रीशनिस्ट तक पहुंच मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि विकसित देशों में यह मॉडल अपनाने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।

उनका मानना है कि मानसिक प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक दृढ़ता और वैज्ञानिक योजना वे तीन आधार हैं जो भारत को अंतर्राष्ट्रीय  मंच पर मेडल गैप कम करने में तेजी से मदद कर सकते हैं।

खिलाड़ियों ने पूछे निजी सवाल

कैंप के अंत में खिलाड़ियों ने विशेषज्ञों से व्यक्तिगत सवाल पूछे और अपनी चोटों तथा मानसिक चुनौतियों से जुड़े अनुभव साझा किए।

आयोजकों के अनुसार इस तरह के कैंप न केवल सुरक्षित खेल संस्कृति को मजबूत करते हैं बल्कि खिलाड़ियों को लंबे समय तक फिट और प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस मौके पर स्पोटर्स यूनिवर्सिटी राई के वीसी अशोक कुमार भी मौजूद थे।

 

 

 

 

 

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