ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

कालीबाड़ी में आध्यात्मिक-सांस्कृतिक उत्सव 12 से

 चार दिन चलेगा कार्यक्रम, समापन के दिन विशेष काली पूजा के मौके पर लगेगा रक्तदान शिविर
Advertisement

 

चंडीगढ़, 9 अप्रैल (ट्रिन्यू)

Advertisement

कालीबाड़ी चंडीगढ़ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ भगवान श्री रामकृष्ण की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन करने जा रही है। यह कार्यक्रम बंगाली नव वर्ष और कालीबाड़ी चंडीगढ़ के 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है जो की सेक्टर 47 स्थित मंदिर परिसर में 12 अप्रैल से चार दिवसीय समारोह के रूप में आयोजित किया जाएगा। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कालीबाड़ी के अध्यक्ष प्रणब सेन और सचिव राजेश रॉय ने बताया कि ‘जगत् हिताय च’ (विश्व के कल्याण के लिए) के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर कालीबाड़ी चंडीगढ़ श्री रामकृष्ण परमहंस की प्राण प्रतिष्ठा कर रहा है, जिन्हें मां काली की दिव्य संतान और धार्मिक सद्भाव का प्रतीक माना जाता है। इसका उद्देश्य 1970 में अपनी स्थापना के बाद से कालीबाड़ी चंडीगढ़ की आध्यात्मिक और समाज सेवा में नई ऊर्जा का संचार करना है। इस अवसर पर विभिन्न रामकृष्ण मिशन केंद्रों के साधुओं के साथ-साथ गणमान्य व्यक्ति भक्त सम्मेलन और भक्ति गीत सम्मेलन सहित कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। पवित्र प्राण प्रतिष्ठा समारोह का नेतृत्व गुरुग्राम के रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी शांतात्मानंद जी और भुज के रामकृष्ण मिशन के स्वामी सुखानंद करेंगे, जो तंत्रधारक (तांत्रिक अनुष्ठानों के आध्यात्मिक अधिकारी) के रूप में कार्य करेंगे। उत्सव के प्रत्येक दिन पारंपरिक अनुष्ठान जैसे काली पूजा, मंगल आरती, भावपूर्ण भक्ति गीत और प्रसाद का वितरण होगा, जो बंगाल से आमंत्रित रसोइयों द्वारा विशेष रूप से तैयार किया गया एक प्रामाणिक बंगाली शाकाहारी भोज है।

इस अवसर पर में संयुक्त सचिव और सांस्कृतिक प्रभारी अमृता गांगुली ने समारोह की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं के रूप में दो प्रमुख सांस्कृतिक प्रस्तुतियों 'सिद्धार्थ से बुद्ध तक- श्री रामकृष्ण की दिव्य लीला' नामक एक नृत्य नाटक और एक हिंदी नाट्य प्रदर्शन 'दिव्य स्पर्श' पर प्रकाश डाला। आध्यात्मिक उत्साह को बढ़ाने के लिए, इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कीर्तनिया पड्डा पोलाश और उनके दल द्वारा कीर्तन संगीत भी प्रस्तुत किया जाएगा। समापन के दिन, विशेष काली पूजा के मौके पर पीजीआईएमईआर-जीएमसीएच-32 के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। निःशुल्क चिकित्सा जांच शिविर आयोजित भी होगा।

 

Advertisement