आदित्य शर्मा
चंडीगढ़/पंचकूला, 15 जुलाई
चंडीगढ़ नगर निगम ने बृहस्पतिवार को कचरा प्रबंधन से जुड़े वेस्ट प्लांट को लेकर सदन की विशेष बैठक बुलाई है। सदन की अध्यक्षता मेयर रविकांत शर्मा कर रहे हैं। सदन में कचरा प्रबंधन में तकनीकी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, बैठक शुरू होने से पहले पानी के बिलों को लेकर बहस भी हुई। मेयर ने कांग्रेस पार्षद और प्रतिपक्ष के नेता देवेंद्र सिंह बबला पर बैठक में चेक फाड़ने के आरोप लगाए।
निगम के संयुक्त आयुक्त सौरभ अरोड़ा ने कहा कि नई तकनीकी के लिए हमें विशेषज्ञों की सेवाएं लेनी होंगी। इसमें डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट और रिक्वेस्ट फ़ॉर प्रपोजल भी उनके द्वारा तैयार की जाएगी। उनके लिए बाहर की कंपनी हायर करनी होगी। उन्होंने माना कि इस तरह से योजना बनानी होगी, जिससे शहर की जनसंख्या के हिसाब से योजना उपयुक्त होगी। टेक्निकल एक्सपर्ट शक्ति अरोड़ा ने कहा कि वेस्ट तो एनर्जी की पद्धति पर जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गीले कचरे के लिए कम्पोस्ट प्लांट है और प्लांट में पहले से पड़ा आरडीएफ की डिस्पोजल एक समस्या बन गयी। पूर्व मेयर और पार्षद देवेश मॉगिल ने लिगेसी वेस्ट माइनिंग प्रोजेक्ट को लेकर भी सदन से सवाल किया कि इस प्रोजेक्ट के बाद कचरे की पहाड़ियां बढ़ती चली गयीं। उन्होंने इनका भी निदान पूछा, जिस पर विशेषज्ञ ने वेस्ट एनर्जी को ही विकल्प बताया।
निगम आयुक्त ने कहा कि डीपीआर और आरएफपी के लिए पैक और थापर इंस्टिट्यूट से विशेषज्ञों की सेवाएं ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि अक्तूबर के अंत तक कंपनी तय कर दी जाएगी।