Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

सूद को शिवालिक गौरव अवार्ड से किया सम्मानित

नवदीप ने पंचकूला और हरियाणा का नाम देश और विदेश में किया रोशन
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
पंचकूला में शनिवार को माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले नवदीप सूद को सम्मानित करते शिवालिक विकास मंच के प्रधान विजय बंसल व अन्य। -हप्र
Advertisement

पंचकूला, 24 मई (हप्र)

माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले पंचकूला के नवदीप सूद (59 )अब युवाओं के रोल मॉडल बनाकर उभरे हैं। जिस उम्र में लोग ढंग से चल नहीं पाते, थोड़ा पैदल चलने के बाद हांफ जाते है, कमर और घुटने साथ नहीं देते, उस उम्र में नवदीप ने युवाओं को भी पीछे छोड़ते हुए विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतेह की है। सेक्टर 25 में रहने वाले नवदीप ने पंचकूला और हरियाणा का नाम देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी रोशन किया है। यह दावा शिवालिक विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट विजय बंसल ने करते हुए शनिवार को अपनी टीम के साथ नवदीप सूद और उनकी पत्नी सरिता सूद को शिवालिक गौरव अवार्ड से सम्मानित किया है। बंसल ने बताया कि माउंट एवरेस्ट बेशक नवदीप सूद ने फतेह की है, लेकिन उनकी इस कामयाबी के पीछे पत्नी सरिता सूद, बेटा अंचित सूद, बेटी अहसास सूद का भी साथ रहा है। मंच की ओर से प्रदेश अध्यक्ष विजय बंसल के साथ जिला अध्यक्ष व रामगढ़ से पूर्व सरपंच राजकुमार सैनी, तेजभान गांधी, अभिषेक सैनी, अजय बब्बन, भगवान दास मित्तल, नरेश सिंघल, केवल सिंगला और अन्य मौजूद रहे।

Advertisement

सीएम को लिखा पत्र,कहा सम्मानित करे सरकार

विजय बंसल ने सीएम नायब सैनी को पत्र लिखा है। उन्होंने हरियाणा सरकार से अपील की है कि वह स्टेट लेवल पर नवदीप सूद को सम्मानित करे। उन्होंने सामाजिक संस्थाओं व पंचकूला प्रशासन से भी अपील की है कि वे नवदीप सूद को सम्मानित करें, जिससे उनका हौसला भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि इस कारनामे के बाद अब नवदीप युवाओं के भी रोल मॉडल बनकर उभरे हैं।

नवदीप ने लगाई जान की बाजी

माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले नवदीप सूद से बात की तो पता चला उन्होंने इस मिशन के लिए कितना संघर्ष किया है। माउंट एवरेस्ट को फतह करने के लिए नवदीप ने अपनी जान की बाजी भी लगाई है। जब नवदीप माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंच चुके थे तो उन्हें वापस आने की भी उम्मीद नहीं थी। नवदीप ने बताया कि वापस आते वक्त उनके पास ऑक्सीजन की भी भारी कमी हो गई थी। यही है कारण था कि उन्हें चोटी पर एहसास हो गया था कि वह सही सलामत वापस नहीं पहुंच सकेंगे, लेकिन उसे स्थिति में भी नवदीप ने हार नहीं मानी।

Advertisement
×