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Smart City Project चंडीगढ़ की 24x7 जल आपूर्ति योजना पर कैग जांच की मांग

मनीमाजरा पायलट योजना पर सांसद तिवारी ने उठाए सवाल
मनीष तिवारी
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Smart City Project चंडीगढ़ के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शुरू की गई 24 घंटे जल आपूर्ति परियोजना, विशेषकर मनीमाजरा पायलट प्रोजेक्ट, की विस्तृत परफॉरमेंस ऑडिट की मांग की है। उन्होंने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को पत्र लिखकर कहा कि यह परियोजना वित्तीय और तकनीकी स्तर पर विफल रही है।

तिवारी ने बताया कि 2015 में शुरू किए गए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड को टिकाऊ जल आपूर्ति प्रणाली विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। परियोजना की कुल लागत 591.57 करोड़ रुपये आंकी गई थी। वर्ष 2016 में समझौता (एमओयू) किया गया और दिसंबर 2022 में नगर निगम ने 270 किलोमीटर पाइपलाइन बदलने तथा 2029 तक 55 जिला मीटरिंग क्षेत्रों (DMAs) को शामिल करने की योजना तैयार की।

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इस पैन-सिटी परियोजना पर 510 करोड़ रुपये खर्च होने थे, जिसमें 412 करोड़ रुपये का एएफडी ऋण और 98 करोड़ रुपये का यूरोपीय संघ अनुदान शामिल था।

जनता को मिल रहा बदबूदार पानी

सांसद ने कहा कि स्मार्ट सिटी फंड से 166.06 करोड़ रुपये की लागत से बनी मनीमाजरा पायलट परियोजना असफल रही है। यहां न तो 24 घंटे जल आपूर्ति हो रही है और न ही गुणवत्ता के मानक पूरे हुए हैं। कई इलाकों में लोगों को दिन में केवल 2 से 4 घंटे गंदा और बदबूदार पानी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि भाजपा के यूटी अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा के भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों के बाद विजिलेंस जांच शुरू की गई थी, लेकिन नगर निगम ने अधूरे दस्तावेज़ ही प्रस्तुत किए। तिवारी ने कहा कि अब कैग की स्वतंत्र जांच से ही इस परियोजना की वास्तविक स्थिति और जिम्मेदारी का पता चल सकेगा

 

 

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