मोहाली, 27 मई ( निस)
जिला मोहाली में छोटे और बड़े उद्योगों के उत्पादन में पिछले एक माह में तीस फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। लॉकडाउन के कारण इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई है। जिसे लौटने में एक से दो माह का समय लगेगा।
मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन (एमआर्इए) का कहना है कि लॉकडाउन के कारण जहां नुकसान हुआ, वहीं लेबर भी अपने मूल राज्यों को वापस लौट गई। हालांकि अब राज्य सरकार व प्रशासन की ओर से कुछ रियायतें दी जा रही हैं। जिसके बाद उम्मीद है कि लेबर भी धीरे-धीरे काम पर वापस लौटेगी।
एमआर्इए के उपाध्यक्ष विवेक कपूर ने बताया कि आपूर्ति में गिरावट और घरेलू बाजार में बहुत अधिक कीमतों के कारण स्टील की भारी कमी है। जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन में भी कमी आई है। एमआईए के पूर्व अध्यक्ष संजीव वशिष्ठ ने कहा कि उत्पादन के कम होने की एक वजह ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता भी रही। क्योंकि ज्यादातर सिलेंडर प्रशासन को दे दिए गये। जिन इकाइयों में ऑक्सीजन की जरूरत होती है, वहां पर 50 से 60 फीसदी तक की उत्पादन में गिरावट आई। उद्योगपतियों का कहना है कि अब हालत धीरे-धीरे सुधरने की उम्मीद है।
मोहाली में 13,000 मीडियम एंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्री
मोहाली जिले में लगभग 13,000 मीडियम एंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्री हैं। वहीं, 49 के करीब बड़े उद्योग हैं, जिनमें 1.3 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। एमआर्इए के अध्यक्ष योगेश सागर ने कहा कच्चे माल की भारी कमी है। जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र और तमिलनाडु से आता है लेकिन राज्य पूरी तरह से बंद हैं। जिस कारण कच्चे माल की सप्लाई चेन पर ब्रेक लग गया। लॉकडाउन के डर से अप्रैल के अंत में ही बिहार और उत्तर प्रदेश के श्रमिक अपने गांव वापस जाने लगे थे।