कालका की समस्याओं पर विधानसभा में चुप्पी, पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी ने उठाए सवाल
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र जारी है, लेकिन कालका विधानसभा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर कथित तौर पर कोई चर्चा न होने को लेकर राजनीति गर्मा गई है। कालका से कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी ने सत्ताधारी भाजपा जनप्रतिनिधि पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा सत्र जनता की समस्याओं को उठाने का सबसे बड़ा मंच होता है, लेकिन हैरानी की बात है कि कालका की ओर से एक भी सवाल नहीं उठाया गया। जनता ने अपने प्रतिनिधि को इसी उम्मीद से चुना था कि उनकी समस्याओं की आवाज़ विधानसभा तक पहुंचेगी। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी को नजऱअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कालका क्षेत्र के कई गांव आज भी टूटी सड़कों और सीवरेज की दिक्कतों और कूड़ा-करकट की बदहाली से जूझ रहे हैं।
युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पा रहे, किसानों की फसलें सही दाम पर नहीं बिक रहीं और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। पूर्व विधायक ने कहा कि जनता के मुद्दों पर सवाल उठाना विपक्ष और सत्ता—दोनों पक्षों की जिम्मेदारी है। लेकिन जब सत्ता पक्ष के प्रतिनिधि ही खामोश रह जाए तो यह सीधे तौर पर जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा जनता की आवाज़ बुलंद करती आई है और आगे भी करेगी। चौधरी ने कहा कि पंचायत को विकास के लिए फंड देने में भी भेदभाव बरता जा रहा है। कहीं पंचायत को बिल्कुल भी फंड नहीं दिया गया उनके साथ भेदभाव बरतना बेहद गंभीर है।