मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

एमओयू पर हस्ताक्षर स्वच्छता की दिशा में बड़ा कदम : चंडीगढ़-पंचकूला साथ आए, 100 दिन में बदलेगी तस्वीर

पंचकूला की स्वच्छता व्यवस्था को नयी दिशा देने के लिए शनिवार को चंडीगढ़ और पंचकूला नगर निगमों ने औपचारिक रूप से हाथ मिला लिया। ‘स्वच्छ शहर जोड़ी पहल’ के तहत दोनों निगमों के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर...
स्वच्छता एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान चंडीगढ़ मेयर हरप्रीत कौर बबला और पंचकूला मेयर कुलभूषण गोयल। -हप्र
Advertisement

पंचकूला की स्वच्छता व्यवस्था को नयी दिशा देने के लिए शनिवार को चंडीगढ़ और पंचकूला नगर निगमों ने औपचारिक रूप से हाथ मिला लिया। ‘स्वच्छ शहर जोड़ी पहल’ के तहत दोनों निगमों के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी में चंडीगढ़ को ‘मेंटोर सिटी’ और पंचकूला को ‘मेंटी सिटी’ का दर्जा मिला है। लक्ष्य है कि अगले 100 दिनों में पंचकूला में सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन में ठोस बदलाव नजर आएं।

नगर निगम पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल और आयुक्त आरके सिंह ने कहा कि 100 दिन की इस साझेदारी का असर साफ तौर पर दिखेगा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में पंचकूला की रैंकिंग में सुधार की उम्मीद है। गोयल ने कहा कि पंचकूला, चंडीगढ़ के अनुभव से सीख लेकर मॉडल सिटी बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

Advertisement

चंडीगढ़ की मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि एमओयू, सहकर्मी शिक्षा और सफल स्वच्छता मॉडलों को साझा करने की दिशा में एक अहम कदम है। उन्होंने बताया कि हालिया रैंकिंग के आधार पर शहरों को मेंटर और मेंटी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह पहल शहरी कचरा प्रबंधन में सबसे बड़े संरचित मेंटरशिप फ्रेमवर्क में से एक है। चंडीगढ़ नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, आईएएस ने कहा कि एसएसजे पहल ज्ञान हस्तांतरण और रणनीतिक मार्गदर्शन के लिए एक गतिशील मंच है।

एमओयू की मुख्य बातें

  1. एमओयू की अवधि 100 दिन तय की गई है।
  2. पंचकूला में ठोस कचरा प्रबंधन, स्वच्छता, नागरिक सहभागिता और शिकायत निवारण जैसे दस क्षेत्रों में सुधार पर ध्यान रहेगा।
  3. चंडीगढ़ नगर निगम पंचकूला को तकनीकी, प्रशासनिक और ज्ञान साझा करने में

    सहयोग देगा।

  4. दोनों शहर ‘एज-इज असेसमेंट’ करेंगे यानी ज़मीनी हालात का मूल्यांकन होगा।
  5. स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 और प्रमाणन डेटा के आधार पर कमियां पहचानी जाएंगी।
  6. सिटी-स्पेसिफिक एक्शन प्लान बनाकर खरीद, टेंडर मैनेजमेंट, तकनीकी दस्तावेजीकरण और मॉनिटरिंग पर काम होगा।

 

Advertisement
Show comments