संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में श्लोकोच्चारण एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित
हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के महाराजा दाहिर सेन सभागार में संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में श्लोकोच्चारण एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अध्यक्ष, डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, कार्यकारी उपाध्यक्ष, अकादमी, विशिष्ट अतिथि, मनजीत सिंह, सदस्य सचिव, अकादमी, डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी, निदेशक, हिंदी एवं हरियाणवी प्रकोष्ठ तथा डॉ. सी.डी.एस. कौशल, निदेशक, संस्कृत प्रकोष्ठ ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह की शुरुआत की।
डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में संस्कृत के दो श्लोकों को हिन्दी में समझाते हुए कहा कि आलसी को विद्या नहीं आ सकती और जिसके पास विद्या नहीं होती, उसके पास धन नहीं आता, परन्तु सभी धन के कारण ही मित्र बनते हैं।
प्रतियोगिताओं में मुक्तिनाथ वेद विद्याश्रम संस्कृत गुरुकुल श्री माता मनसा देवी, श्री रामनंन्दाब्रह्मर्षि संस्कृत महाविद्यालय, विराट नगर पिंजौर, महाराजा प्रताप नेशनल कॉलेज, मुलाना, अम्बाला, श्री माता मनसा देवी राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, राजकीय कन्या महाविद्यालय सेक्टर-14, पंचकूला तथा राजकीय महाविद्यालय सेक्टर-1, पंचकूला के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। डॉ. कामदेव झा, डॉ. विक्रम व डॉ. गुप्ता ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
श्लोकाच्चारण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान देवानुज मिश्र, द्वितीय स्थान ध्रुव शर्मा तथा तृतीय स्थान शिवानी ने हासिल किया तथा सांत्वना पुरस्कार आकाश पांडे व पार्थ गौतम को मिला।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान शिवा तिवारी व दिव्यांश कालिदास टीम, द्वितीय स्थान अंजलि व आशु बाण टीम, तृतीय स्थान उमंग व प्राची वाल्मीकि टीम ने प्राप्त किया। सांत्वना पुरस्कार भवभूति टीम में अतुल शर्मा व राहुल शर्मा ने प्राप्त किया। डॉ. चितरंजन दयाल सिंह कौशल, निदेशक, संस्कृत प्रकोष्ठ ने एक श्लोक प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों व बच्चों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रतिभा वर्मा व डॉ. राजबीर
ने किया।