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शिवालिक मंच की मुहिम रंग लाई : 31 लाख लोगों को मिलेगा जमीन-मकान का मालिकाना हक

शिवालिक विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय बंसल की 15 वर्षों की निरंतर लड़ाई अब बड़े परिणाम तक पहुंच गई है। हरियाणा सरकार पूरे प्रदेश में लगभग 31 लाख लोगों को उनके मकानों और जमीनों का मालिकाना हक देने के...
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शिवालिक विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय बंसल की 15 वर्षों की निरंतर लड़ाई अब बड़े परिणाम तक पहुंच गई है। हरियाणा सरकार पूरे प्रदेश में लगभग 31 लाख लोगों को उनके मकानों और जमीनों का मालिकाना हक देने के लिए विधानसभा में बिल लाने की तैयारी कर रही है। यह वही मुद्दा है, जिस पर मंच और बंसल ने लगातार सरकारों पर दबाव बनाया और हाई कोर्ट तक लड़ाई लड़ी।

विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि पंजाब से अलग होने के बाद हरियाणा में लाल डोरा सीमा और आबादी देह से संबंधित समस्या लगातार बनी रही। कई गांवों में फिरनी के अंदर बने मकान भी अवैध घोषित कर दिए जाते थे। इस समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने चौबीस मार्च 2014 को हरियाणा सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए थे, जिसके बाद तत्कालीन सरकार ने गाँव की फिरनी के अंदर पूरे क्षेत्र को आबादी देह घोषित कर दिया। इससे हजारों लोगों की जमीनें नियमित हो सकीं।

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वर्ष 2014 में सरकार बदलने के बाद भाजपा सरकार ने राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि मंत्री ओपी धनखड़ और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई। इस कमेटी में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे और निगरानी पंचायत विकास निदेशालय को सौंपी गई। परन्तु बीच में कई गांव नए नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्रों में शामिल हो गए, जिससे बंदोबस्त पूरा होने तक मामला लंबित हो गया।

बंसल ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेशों के बाद सरकार ने ड्रोन सर्वे करवाकर गांवों की वास्तविक आबादी, धर्मशालाओं, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों का सटीक रिकॉर्ड तैयार किया। जहां लोग वर्षों से काबिज थे, वहां रजिस्ट्री और इंतकाल कर दिए गए। इससे पहले इन घरों को अवैध घोषित किया जाता था और न रजिस्ट्री होती थी और न ही बैंक लोन मिल पाता था।

उन्होंने बताया कि शिवालिक विकास मंच की यह लड़ाई नई नहीं है। वर्ष 2011 में भी उन्होंने कालका विधानसभा क्षेत्र के एक सौ चौवन गांवों से पेरीफेरी एक्ट हटाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट के आदेशों के बाद वर्ष 2017 में नगर निगम और नगर परिषद में शामिल एक सौ दो गांवों से पेरीफेरी एक्ट हटा दिया गया। अभी बावन गांव एक्ट के दायरे में हैं और बंसल ने मांग की है कि इन्हें भी तुरंत मुक्त किया जाए।

बंसल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ज्ञापन भेजकर कालका क्षेत्र में धारा 7ए समाप्त करने और लाल डोरा सीमा बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि यहां कई गांवों की फिरनियां नहीं हैं, जिस कारण लोग अपनी ही जमीन पर मकान बनाते हुए अवैध घोषित कर दिए जाते हैं। आबादी बढ़ने से लोग मजबूरन फिरनी से बाहर निर्माण करते हैं, इसलिए सरकार को राहत प्रदान करनी चाहिए।

विजय बंसल का कहना है कि आज जो एकतीस लाख लोगों को मालिकाना हक मिलने जा रहा है, वह शिवालिक विकास मंच के लंबे संघर्ष का ही परिणाम है।

 

 

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Haryana Land Rights HaryanaLand OwnershipShivalik Vikas Manchजमीन मालिकाना हकहरियाणा
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