Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

‘भेदभाव की दृष्टि से नहीं, निष्काम भाव से करें सेवा’

मोहाली (हप्र): इस संसार में अनेक प्रकार के लोग रहते हैं जिनकी अलग-अलग भाषा, वेश-भूषा, खान-पान, जाति, धर्म और संस्कृति आदि हैं। इतनी विभिन्नताओं के रहते हुए भी, हम सब में एक बात सामान्य है कि हम सब इनसान हैं।...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
मोहाली में रविवार को आयोजित संत िनरंकारी मिशन के कार्यक्रम में मौजूद स्वयंसेवक। -हप्र
Advertisement

मोहाली (हप्र): इस संसार में अनेक प्रकार के लोग रहते हैं जिनकी अलग-अलग भाषा, वेश-भूषा, खान-पान, जाति, धर्म और संस्कृति आदि हैं। इतनी विभिन्नताओं के रहते हुए भी, हम सब में एक बात सामान्य है कि हम सब इनसान हैं। कैसा भी हमारा रंग हो, वेश हो, देश हो या खान-पान, सबकी रगों में एक सा रक्त बहता है और सब एक जैसी सांस लेते हैं। हम सब परमात्मा की संतान हैं। इसी भाव को अनेक संतों ने अलग-अलग समय और स्थानों पर अपनी भाषा और शैली में ‘समस्त संसार, एक परिवार’ के सन्देश के रूप में व्यक्त किया। पिछले लगभग 95 वर्षों से संत निरंकारी मिशन भी इसी सन्देश को न केवल प्रेषित कर रहा है, बल्कि अनेक सत्संग और समागम का नियमित रूप से आयोजित कर, इस सन्देश का जीवंत उदाहरण भी पेश कर रहा है। मिशन के लाखों भक्त इस वर्ष भी 16, 17 और 18 नवंबर 2024 को संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा, हरियाणा में होने वाले 77वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में पहुंचकर मानवता के महाकुम्भ का एक बार फिर से नज़ारा सजाने जा रहे हैं। देश-विदेश से आने वाले ये भक्त जहां सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और सत्कारयोग निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन दर्शन करके स्वयं को कृतार्थ अनुभव करेंगे, वहीं मिलजुलकर संत-समागम की शिक्षाओं से अपने मन को उज्जवल बनाने का प्रयास भी करेंगे। ओ पी निरंकारी ज़ोनल इंचार्ज चंडीगढ़ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संत समागम की भूमि को समागम के लिए तैयार करने की सेवा का शुभारम्भ आज हर वर्ष की भांति सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और निरंकारी राजपिता जी के कर-कमलों द्वारा किया गया।

Advertisement
Advertisement
×