चंडीगढ़, 18 मई (ट्रिन्यू)
चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के गंदगी भरे माहौल में खाने से संबंधित व्यापार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। चंडीगढ़ के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 के तहत सख्त एक्शन लिया है। चंडीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट ने कई मामलों में नियमों को ताक पर रखते हुए खाने-पीने की चीजों का बिजनेस करने वाली यूनिट्स पर पैनल्टी लगाई है। इनमें से कुछ पर भारी पैनल्टी भी लगी है।
मलोया गांव में कंपनी के डुप्लीकेट फूड प्रोडक्ट्स बेचने वाली फैक्टरी के खिलाफ एक्ट की धारा 52 के तहत कार्रवाई की गई है। इसे 3 लाख रुपए की पैनल्टी लगाई गई। इसी तरह इंडस्ट्रियल एरिया, फेज 1 में एक फूड यूनिट भी अस्वच्छ और गंदगी भरे माहौल में चल रही थी। उस पर भी एक्ट की धारा के तहत 50 हजार रुपए की पैनल्टी लगाई गई।
सेक्टर 23 में एक यूनिट बिना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के चल रही थी। उस पर एक्ट की धारा 58 के तहत कार्रवाई करते हुए 5 हजार रुपए पैनल्टी लगाई गई है। मनीमाजरा और पलसौरा की एक यूनिट पर ऐसे ही मामले में 10-10 हजार रुपए की पैनल्टी लगाई गई है।
कमिश्नर फूड सेफ्टी यशपाल गर्ग ने चंडीगढ़ के सभी फूड बिजनेस आपरेटरों को सलाह दी है कि वे सुनिश्चित करें कि एक्ट के तहत लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन करवाकर स्वच्छ माहौल में व्यापार करें। गंदगी में बनाई गई चीजों को खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं। गर्मियों के सीजन में अक्सर खाने की मीठी चीजों पर गंदी मक्खियां बैठती हैं।