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पार्किंग को लेकर हुए विवाद में वैज्ञानिक की मौत

डायलिसिस का था पेशेंट, पड़ोसी ने जमीन पर लिटाकर पेट व छाती में मारे मुक्के
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मोहाली, 12 मार्च (हप्र)

पार्किंग को लेकर हुए विवाद के दौरान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) में काम करने वाले एक वैज्ञानिक (साइंटिस्ट)की मौत हो गई। सारी घटना सीसीटीवी कैद हो गई है। मामला सेक्टर-67 का है।

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मृतक की पहचान अभिषेक स्वर्णकार के रूप में हुई है। वह मूल रूप से बंगाल का रहने वाला था। परिजनों का आरोप है कि पड़ोसी मोंटी (जोकि आईटी का काम करता है) ने उसे बुरी तरह से पीटा जिस कारण उसकी मौत हुई है। इस मामले में परिवार ने पुलिस को शिकायत दे दी है। यह बात सामने आई है कि मृतक की किडनी ट्रांसप्लांट हुई थी और साथ ही उसका डायलिसिस चल रहा था। पेट में मुक्के मारने के कारण उसकी मौत हो गई। वैज्ञानिक अभिषेक स्वर्णकार अपने माता-पिता के साथ किराए के अपार्टमेंट में रहता था। मंगलवार शाम लगभग साढ़े 8 बजे जब वह अपनी बाइक पार्क कर रहा था। इस दौरान उसकी पड़ोसी मोंटी से पार्किंग को लेकर बहसबाजी हो गई। वैज्ञानिक की किडनी ट्रांसप्लांट हुई थी और उसका डायलिसिस होता है । यह बात मोहल्ले वालों को पता थी। आरोपी मोंटी ने पहले अभिषेक से गाली गलौज की और उसके बाद हाथापाई करने लगा। आरोप है कि मोंटी ने अभिषेक के पेट में मुक्के मारे जिस कारण उसकी मौत हो गई। वैज्ञानिक अभिषेक को इतना पीटा की वह जमीन पर गिर गया परिवार ने उसे उठाने का प्रयास किया लेकिन वह उठ नहीं पाया। उसे तुरंत फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृतक घोषित कर दिया।

पहले पीटा फिर खुद ही अस्पताल ले गया आरोपी

किराये पर रहने वाली रोमा ने बताया कि मंगलवार शाम को उसे चिल्लाने की आवाजें सुनाई दीं। वह बाहर निकली तो उनके पड़ोसी का बेटा मोंटी वैज्ञानिक अभिषेक को जमीन पर गिराकर पीट रहा था। उसकी छाती पर मुक्कों से हमला कर रहा था। जब अभिषेक बेहोश हो गया तो मोंटी डर गया। उसे लगा उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई होगी वह उसे तुरंत अपनी थार कार में इलाज के लिए अस्पताल ले गया। अस्पताल ले जाते समय मोंटी ने एक अन्य कार में टक्कर मारकर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। एक घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी वारदात कैद हुई है। अस्पताल में अभिषेक को मृतक घोषित कर दिया।

दुनिया के कई देशों में काम कर चुका था अभिषेक

आइसर से पता चला है कि अभिषेक का साइंस के प्रतिष्ठित जनरल साइंस में रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ था। इस वजह से उसे आइसर में मौका मिला था। वैज्ञानिक अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में काम कर चुका था। कुछ समय पहले उसकी तबीयत खराब होने लगी थी, जिससे परिवार वाले उसकी सेहत को लेकर चिंतित रहते थे। इस वजह से वह इंडिया में आ गया था। कुछ समय पहले उसका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था, उसकी बहन ने अपनी किडनी दी थी। परिवार में उसकी दो बहनें और बुजुर्ग माता-पिता हैं। उसके पिता पहले ज्वेलरी का काम करते थे। बेटियों की शादी हो चुकी है, और वे अब अपने बेटे के साथ ही रहते थे। वही, संस्थान का कहना है कि उन्होंने एक होनहार साइंटिस्ट खो दिया है। आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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