सप्त सिंधु अवॉर्ड्स और कॉन्क्लेव 2025 : पंजाब की विरासत, कला और कलाकारों का सम्मान
सप्त सिंधु फोरम ने शनिवार को चंडीगढ़ में सप्त सिंधु सॉलिडेरिटी सिने अवॉर्ड्स और कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया, जिसमें फिल्म, उद्योग और सार्वजनिक जीवन से जुड़ी हस्तियों ने पंजाब की सांस्कृतिक और कलात्मक पहचान का उत्सव मनाया। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मुख्य अतिथि रहे।
कॉन्क्लेव के दौरान प्रदीप जोशी ने अपने संबोधन में सभ्यतागत निरंतरता और रचनात्मक अभिव्यक्ति के महत्व पर जोर दिया। विशिष्ट अतिथियों में राज्यसभा सांसद और ट्राइडेंट समूह के चेयरमैन एमेरिटस पद्मश्री राजिंदर गुप्ता, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, होमलैंड ग्रुप के सीईओ उमंग जिन्दल और टाइनोर ऑर्थोटिक्स के स्ट्रैटेजिक डायरेक्टर अभयनूर सिंह शामिल हुए। यह आयोजन फोरम के संस्थापक डॉ. वरिंदर गर्ग के नेतृत्व में निवेदिता ट्रस्ट और पीएफटीएए के सहयोग से आयोजित हुआ।
आयोजकों ने बताया कि कार्यक्रम की परिकल्पना सप्त सिंधु क्षेत्र की लगभग बारह हजार वर्ष पुरानी सभ्यतागत धरोहर को समर्पित थी, जिसे सात नदियों की ऐतिहासिक भूमि माना जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाबी सिनेमा अपनी कहानी, लोकसाहित्य और संगीत आधारित परंपराओं के जरिये इस विरासत को निरंतर आगे बढ़ा रहा है।
कार्यक्रम में सप्त सिंधु का आधिकारिक लोगो जारी किया गया और फोरम के यूट्यूब चैनल की शुरुआत की गई। पंजाबी सिनेमा की सौ वर्ष की यात्रा पर आधारित विशेष डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई, जिसमें मील के पत्थर बनी फिल्मों, दिग्गज कलाकारों और महत्वपूर्ण उपलब्धियों को दर्शाया गया।
पद्मश्री निर्मल ऋषि, मोहम्मद सदिक और पद्मश्री डॉ. जसपिंदर नरूला को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया। इसके अलावा बिन्नू ढिल्लों, जसबीर जस्सी, तानिया, गुग्गू गिल, निंजा, सरदार सोही, अमर नूरी, देव खरोड़ और समीप कंग सहित कई कलाकारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन मास्टर सलीम के लाइव प्रदर्शन के साथ हुआ।
