मनीमाजरा (चंडीगढ़), 26 जून (हप्र)
भारतीय जनता पार्टी हिमाचल के सह प्रभारी और चंडीगढ़ प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन ने प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल से मुलाकात की व शहरवासियों से संबंधित कई मुद्दों को सलाहकार के सम्मुख रखा व उन्हें हल करने की मांग की। उन्होंने गांवों की जमीन को निगम में ट्रांसफर किए जाने पर विस्तृत चर्चा करते हुए संजय टण्डन ने सलाहकार को बताया कि पंजाब लैंड रिकॉर्ड एक्ट के तहत 1950 से पहले ट्रांसफर हो चुकी शामलात जमीन को अब फिर से शामलात जमीन मान कर नगर निगम को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता, इसलिए इस विषय पर विस्तृत स्टडी करवाकर पुन: विचार किया जाना चाहिए, जिसे सलाहकार ने मान लिया। इस फैसले से बड़ी संख्या में गांव वासियों विशेषकर गांव दरिया के निवासियों को उनके सर पर लटक रही तलवार से राहत मिलेगी। प्रशासन द्वारा राम दरबार में जो सीलिंग की जा रही है, उसके बारे में भी संजय टंडन ने बताया कि 1978 के दौरान इन लोगों को सेक्टर-20 से उठाकर यहां बसाया गया था। अब 40 वर्षों के बाद उनको मालिकाना हक देने की बजाय सीलिंग की जा रही है जो कि इन लोगों के साथ नाइंसाफी है। इस विषय पर मानवता के आधार पर फैसला लिया जाना चाहिए, जिस पर सलाहकार ने आश्वासन दिया कि आगे से सीलिंग नहीं की जाएगी और पूरे मामले को दोबारा चेक करवाएंगे।
संजय टंडन की मांग पर सलाहकार ने बताया कि मार्बल मार्केट के पुनर्वास हेतु भी जगह चिन्हित की जा चुकी है तथा वहां पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के बाद मार्बल मार्केट वालों को ऑफर कर दी जाएगी । टंडन ने संजय कालोनी के पुनर्वास से छूट गए लोगों जिनके बायोमेट्रिक सर्वे हो चुके थे, ऐसे 76 लोगों की लिस्ट सलाहकार को दी तथा उन्हें तुरंत मकान किए जाने का आग्रह किया । शहर में शेयर वाइज़ प्रॉपर्टी ट्रांसफर पर लगाई रोक पर सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए संजय टण्डन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार फिलहाल केवल सेक्टर 1 से 30 तक रोक लगी है जिस पर भी अंतिम निर्णय अभी होना है, लेकिन पूरे शहर में शेयर वाइज़ प्रॉपर्टी की ट्रांसफर पर रोक क्यों लगाई गई है इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए, जिस पर सलाहकार ने कानूनी राय लेकर फैसला लेने का आश्वासन दिया है।
इसी प्रकार टंडन ने शहर की इवी पॉलिसी के तहत पेट्रोल व डीज़ल वाहनों पर लगाई गई रोक पर विरोध दर्ज करवाया व कहा यह हमारे शहर के डीलरों के साथ भेदभाव है इस पर भी पुन: विचार किया जाना चाहिए व फिलहाल जब तक शहर में कार्बन न्यूट्रल सिटी का माहौल पूरी तरह से तैयार न हो तब तक ऐसी रोक नहीं लगाई जानी चाहिए।