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Sai Baba साईं संदेश वेटिकन तक : औशिम खेतरपाल करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

Sai Baba देश के लिए यह गर्व का क्षण है जब शिरडी साईं बाबा की शिक्षाएं वेटिकन में गूंजने जा रही हैं। शिरडी साईं बाबा फाउंडेशन, चंडीगढ़ के ट्रस्टी औशिम खेतरपाल को पोप लियो ने ‘वेटिकन इंटरफेथ कॉन्फ्रेंस’ में आमंत्रित...
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Sai Baba देश के लिए यह गर्व का क्षण है जब शिरडी साईं बाबा की शिक्षाएं वेटिकन में गूंजने जा रही हैं। शिरडी साईं बाबा फाउंडेशन, चंडीगढ़ के ट्रस्टी औशिम खेतरपाल को पोप लियो ने ‘वेटिकन इंटरफेथ कॉन्फ्रेंस’ में आमंत्रित किया है। इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए पोप के निर्देश पर कार्डिनल जॉर्ज जेकब विशेष रूप से मुंबई पहुंचे और औशिम खेतरपाल से विस्तृत विचार-विमर्श किया। यह सम्मेलन विश्वभर के आध्यात्मिक नेताओं का वह ऐतिहासिक मंच है, जहां शांति, करुणा और एकता के संदेश साझा किए जाएंगे।

यह सम्मान औशिम खेतरपाल के जीवनभर के समर्पण की पहचान है। उन्होंने साईं बाबा के प्रेम, सेवा और ‘सबका मालिक एक’ के संदेश को विश्वभर में फैलाने के लिए चार हजार घंटे से अधिक आध्यात्मिक टीवी और डिजिटल कार्यक्रम तैयार किए हैं। वे अब तक 71 पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें अंतरधार्मिक एकता और मानवीय करुणा का गहन संदेश निहित है।

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सम्मेलन के दौरान औशिम खेतरपाल पोप को ‘साईं सच्चरित्रा – द न्यू टेस्टामेंट’ भेंट करेंगे, जो साईं बाबा के दिव्य उपदेशों का विशेष संकलन है। इसके साथ वे भगवद गीता की प्रति भी प्रस्तुत करेंगे, जो पूर्व और पश्चिम  साईं और क्राइस्ट  के बीच एक आध्यात्मिक सेतु का प्रतीक है।

औशिम खेतरपाल ने कहा, ‘वेटिकन में साईं बाबा का संदेश ले जाना मेरे लिए अत्यंत विनम्रता और श्रद्धा का क्षण है। बाबा के शब्द लव ऑल, सर्व ऑल, हेल्प एवर, हर्ट नेवर  आज की दुनिया के लिए प्रकाशपथ हैं। जब साईं का प्रेम और क्राइस्ट की रोशनी मिलते हैं, तब संसार और भी उज्जवल हो जाता है।’

उन्होंने आगे बताया कि इस अवसर पर वे ‘साईं बाबा पीस अवॉर्ड’ की भी घोषणा करेंगे, जिसके तहत ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा जो धर्म, जाति या सीमा से परे मानवता की सेवा में लगे हैं। यह भारत के शाश्वत सिद्धांत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को जीवंत करता है।

औशिम खेतरपाल ने कहा, ‘जब मैं बदलता हूँ, तुम बदलते हो; जब हम बदलते हैं, तब दुनिया बदलती है।’ उनका यह आमंत्रण भारत की आध्यात्मिक कूटनीति और वैश्विक संवाद में बढ़ती भूमिका का प्रतीक है। वेटिकन में होने वाला यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक दिव्य संगम है, जहां साईं की करुणा और क्राइस्ट का प्रेम मिलकर विश्व को शांति और एकता की राह दिखाएंगे।

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