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रुद्रप्रयाग जन कल्याण मंच चंडीगढ़ में कल आयोजित करेगा ‘नंदा की कथा’ का आयोजन

रुद्रप्रयाग जन कल्याण मंच (रजि.) चंडीगढ़  7 दिसंबर यानी कल रविवार को दोपहर 2 बजे मक्खन शाह लुबाना ऑडिटोरियम, सेक्टर-30, चंडीगढ़ में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘नंदा की कथा’ का आयोजन करने जा रही है। कार्यक्रम में उत्सव समूह उत्तराखंड के...
मंच के पदाधिकारी।
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रुद्रप्रयाग जन कल्याण मंच (रजि.) चंडीगढ़  7 दिसंबर यानी कल रविवार को दोपहर 2 बजे मक्खन शाह लुबाना ऑडिटोरियम, सेक्टर-30, चंडीगढ़ में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘नंदा की कथा’ का आयोजन करने जा रही है।

कार्यक्रम में उत्सव समूह उत्तराखंड के निदेशक व वर्ष 2023 के ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित डॉ. राकेश भट्ट प्रस्तुति देंगे। वे उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर हर 12 वर्ष में आयोजित होने वाली ऐतिहासिक नंदा देवी राजजात यात्रा की कथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेंगे।

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मंच के महासचिव सुभाष भट्ट ने बताया कि यह कार्यक्रम 2026 में होने वाली नंदा देवी राजजात यात्रा को लेकर जन-जागरूकता फैलाने और क्षेत्र की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को व्यापक समर्थन देने की एक महत्वपूर्ण पहल है।

पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, मानसून के महीनों में शुरू होने वाली यह 280 किलोमीटर की कठिन धार्मिक यात्रा मात्र एक आस्था यात्रा नहीं, बल्कि सदियों पुरानी लोक-परंपराओं, इतिहास और सामाजिक भावनाओं का अनूठा उत्सव है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2026 की राजजात यात्रा के सुरक्षित और सुनियोजित संचालन के निर्देश दिए हैं। यात्रा की पंजीकरण प्रक्रिया उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) औरगढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) को सौंपी गई है।

रुद्रप्रयाग जन कल्याण मंच (रजि.), चंडीगढ़ पिछले कई वर्षों से ट्राइसिटी में सामाजिक सेवाओं के माध्यम से सक्रिय रहा है।

मंच पी.जी.आई. चंडीगढ़ के सहयोग से गढ़वाल भवन में रक्तदान शिविर आयोजित करता रहा है। सांस्कृतिक क्षेत्र में भी संस्था का योगदान उल्लेखनीय रहा है। 2018 में काला ग्राउंड में आयोजित कांठी सांस्कृतिक संध्या और 2022 में टैगोर थिएटर में "रूद उत्सव" जैसी बड़ी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां इसकी उपलब्धियों में शामिल हैं। महासचिव सुभाष भट्ट ने ट्राइसिटी और आसपास के उत्तराखंड मूल के लोगों से अनुरोध किया कि वे इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवार सहित शामिल होकर ‘नंदा की कथा’ के माध्यम से अपनी जड़ों और संस्कृति को जानने-समझने का आनंद लें।

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