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विश्व मजदूर दिवस से पहले मजदूरों से छिनी छत

संजय काॅलोनी पर चला बुलडोजर, करीब एक हजार अवैध निर्माण गिराए , लोगों को सता रहा बच्चों का स्कूल छूटने का डर
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चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया फेस-1 स्थित संजय कॉलोनी में बुधवार को मकानों को तोड़ती जेसीबी और मौके पर अपना टूटता मकान देखते असहाय लोग। -विक्की
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एस.अग्निहोत्री/ हप्र

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 23 अप्रैल (हप्र) :

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संजय कॉलोनी के टूटे घरों में अपना सामान ढूंढते प्रभावित परिवार और मौके पर मौजूद पुलिस।

शहर में इंडस्ट्रियल एरिया फेस-1 स्थित संजय कॉलोनी में बुधवार को प्रशासन ने करीब एक हजार झुग्गियों पर बुलडोजर चलाया। करीब तीन दशक पुरानी कॉलोनी में बुधवार सुबह से ही जेसीबी मशीनों से मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया गया। इस अभियान के दौरान प्रशासनिक अमले और कॉलोनी वासियों के बीच कोई झड़प न हो या कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। बुलडोजर के जरिए अवैध रूप से निर्मित मकानों को ढहाया गया। बुधवार को अभियान शुरू करने से पहले बिजली काटी गई और पूरी कार्रवाई में डीसी ऑफिस, एसडीएम, नगर निगम और इंजीनियरिंग विभाग के अफसर मौजूद रहे।

संजय काॅलोनी के प्रभावित लोगों का कहना है कि विश्व मजदूर दिवस से कुछ दिन पहले प्रशासन ने उनसे आशियाना छीन लिया है। प्रशासन ने इस काम में काफी जल्दबाजी की और यह भी नहीं बताया कि जाना कहां है? अपनी झुग्गियों पर बुलडोजर चलता देख बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक असहाय दिखे। महिलाओं और बच्चों की आंखों में आंसू थे। सिर पर सामान और जुबां पर सवाल लिए लोग इधर-उधर जाते दिखे। दोपहर में पारा भी 38 डिग्री पार हो गया, लेकिन लोगों के सिर पर घर का सामान था और आंखों में घर छिनने की पीड़ा। बच्चे और महिलाएं भी अपनी टूटी हुई झुग्गियों में अपना सामान ढूंढते देखे जा सकते थे।

महिलाओं ने बताया कि उनके परिवार की कई पीढ़ियां यहीं रहीं और अब एक झटके में उन्हें बेघर कर दिया गया। अब लोगों को डर है कि बच्चों का स्कूल भी छूट जाएगा। जो लोग मलोया जा रहे हैं, उन्हें बच्चों को नए स्कूलों में शिफ्ट करना पड़ेगा। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि चुनावों में नेता वादा करते हैं कि कोई बेघर नहीं होगा, लेकिन अब कोई नेता सामने नहीं आ रहा।

कई महिलाओं ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों को पाल-पोस कर बड़ा किया, अब जब वे पढ़-लिख रहे हैं, तो अचानक बेघर कर दिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को उनके लिए पहले वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए, तभी उन्हें वहां से हटाया जाए। कॉलोनी में रहने वाले एक नागरिक ने कहा कि उन्होंने इस शहर को बसाने में अपना खून-पसीना लगाया है, अब उजाड़ दिया गया। यहां रहने वालों को प्रसासन की ओर से पहले ही नोटिस दिया गया था और लोगों को खुद ही मंगलवार तक कॉलोनी खाली करने का आदेश दिया था।

कांग्रेस और भाजपा के विरोध के बावजूद हुई कार्रवाई

संजय काॅलोनी को गिराने से पहले लोगों को छत मुहैया करवाने की मांग को लेकर जहां कांग्रेसी नेता प्रशासन से मांग कर रहे थे, वहीं भाजपा नेता भी प्रशासन से गुहार लगा रहे थे लेकिन प्रशासन ने किसी की एक न सुनी और काॅलोनी में पीला पंजा चला दिया।

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