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Robotic Surgery कैंसर और ट्रांसप्लांट—दोहरी चुनौती को मात, रोबोट ने रचा चमत्कार

चंडीगढ़, 1 जून (ट्रिन्यू)एक मरीज, जिसने पहले ही किडनी ट्रांसप्लांट का सामना किया था, इस बार कैंसर से जूझ रहा था। लेकिन तकनीक ने एक बार फिर उसकी ज़िंदगी बचा ली। 56 वर्षीय इस व्यक्ति की ट्रांसप्लांट की गई किडनी...
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चंडीगढ़, 1 जून (ट्रिन्यू)
एक मरीज, जिसने पहले ही किडनी ट्रांसप्लांट का सामना किया था, इस बार कैंसर से जूझ रहा था। लेकिन तकनीक ने एक बार फिर उसकी ज़िंदगी बचा ली।

56 वर्षीय इस व्यक्ति की ट्रांसप्लांट की गई किडनी में 3 सेंटीमीटर का ट्यूमर पाया गया। चुनौती यह थी कि कैंसर को हटाते हुए किडनी को सुरक्षित रखा जाए। यूरो-ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. धर्मेंदर अग्रवाल ने दा विंची XI रोबोट की मदद से यह मुश्किल सर्जरी सफलतापूर्वक अंजाम दी। पार्शियल नेफ्रेक्टोमी के ज़रिए ट्यूमर को हटा दिया गया और किडनी सलामत रही। मरीज न केवल पूरी तरह ठीक हुआ, बल्कि सर्जरी के 10 घंटे बाद चलने भी लगा और तीसरे दिन अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

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एक अन्य जटिल मामले में, 62 वर्षीय मरीज की दाहिनी किडनी में बड़ा ट्यूमर और मुख्य नस (इन्फीरियर वेना कावा या IVC) में थ्रोम्बस पाया गया—जो हृदय तक पहुंचने की आशंका लिए था। डॉ. अग्रवाल की टीम ने रोबोटिक रेडिकल नेफ्रेक्टोमी और IVC थ्रोम्बेक्टोमी कर पूरी ग्रोथ को सफलतापूर्वक हटा दिया। मरीज की रिकवरी तेज़ रही और उन्हें तीन दिन में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

डॉ. अग्रवाल का मानना है कि रोबोटिक तकनीक अब जटिल सर्जरी के मामलों में भी निर्णायक भूमिका निभा रही है। वे लंदन से प्रशिक्षित हैं और अब तक 700 से अधिक रोबोटिक सर्जरी कर चुके हैं।

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