स्मॉल फ्लैट्स निवासियों को नहीं मिलेगा मालिकाना हक
एस. अग्निहोत्री/ हप्र
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 4 फरवरी
शहर में स्मॉल फ्लैट्स में रहने वाले लाखों लोगों को इन फ्लैट्स का मालिकाना हक नहीं दिया जाएगा। यह जानकारी चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी द्वारा लोकसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में सामने आई जिसके बाद शहर की राजनीति गर्मा गई है। सांसद के सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि वर्तमान में ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसके तहत इन फ्लैट्स के निवासियों को मालिकाना अधिकार दिया जा सके।
शहर में इस मुद्दे को लेकर लोकसभा और नगर निगम के चुनाव लड़े जाते रहे हैं। वर्ष 2022 में चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में भी इस विषय पर विस्तृत चर्चा हुई थी, जहां प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि इस मामले में अंतिम निर्णय केंद्र सरकार का होगा। 2023 में भी विभिन्न स्थानीय संगठनों ने फ्लैट्स को निवासियों के नाम पर स्थानांतरित करने की मांग की थी। लेकिन अब केंद्र सरकार के इस स्पष्ट जवाब के बाद इन परिवारों को मालिकाना हक मिलने की उम्मीदें समाप्त हो गई हैं।
चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवारों को पुनर्वास योजना के तहत स्मॉल फ्लैट्स आवंटित किए थे। इन फ्लैट्स में रहने वाले लोग वर्षों से मालिकाना हक की मांग कर रहे थे, ताकि वे इन घरों को अपने नाम पर रजिस्टर करा सकें। अब इस मुद्दे को लेकर प्रशासन और केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ सकता है।
भड़के लोग, भाजपा के खिलाफ होगा प्रदर्शन : कृष्ण लाल
बापूधाम सेक्टर-26 की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान कृष्ण लाल ने कहा कि इन फ्लैट्स को पुनर्वास योजना के तहत आवंटित किया गया था और वर्षों से गरीब परिवार यहां बस चुके हैं। लेकिन अब, केंद्र सरकार के इस फैसले से लोगों के सिर पर बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है। स्मॉल फ्लैट्स के मालिकाना हक को लेकर पिछले साल भाजपा नेता अरुण सूद ने हर कॉलोनी में प्रचार किया था और लड्डू बंटवाकर लोगों को यह विश्वास दिलाया था कि जल्द ही उन्हें पूर्ण मालिकाना हक मिलेगा। लेकिन अब यह चुनावी वादा एक ढकोसला साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने लोगों को झूठे सपने दिखाए और अब जब सच्चाई सामने आ रही है, तो गरीब लोग उनके खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के झूठ का हुआ पर्दाफाश : हरमेल केसरी
कांग्रेस नेता हरमेल केसरी ने कहा कि जब चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी ने संसद की पटल पर सवाल रखा की क्या चंडीगढ़ में भारत सरकार द्वारा कॉलोनी में दिए गए मकान का मालिकाना हक सरकार उन्हें दे सकती है, तो मंत्रालय ने सीधे शब्दों में जवाब दिया और कहा कि कॉलोनी में रहने वाले लाइसेंसी हैं या यह मकान उन्हें पट्टे/लीज होल्ड बेसिस पर दिए गए हैं। इनका मालिकाना हक उन्हें नहीं दिया जाएगा। केसरी ने कहा कि इसके बाद भाजपा के उस झूठ का पर्दाफाश हो गया जब कुछ वर्ष पहले पूर्व सांसद किरण खेर और भाजपा के साथियों ने लड्डू बांट कर पूरे शहर में यह डिंडोरा पीटा था कि अब कॉलोनी में रहने वाले लोगों को उनके मकान का मालिकाना हक मिल गया है, लेकिन अब भारत सरकार द्वारा संसद में दिए गए जवाब से यह पता चल गया कि किस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी ने लड्डू बांटकर इस बात की खुशी मनाई और लोगों को मूर्ख बनाया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ भाजपा ने हमेशा लोगों को मूर्ख बनाकर झूठी वाहवाही लूटने का काम किया है। भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया यह कार्य अति निंदनीय है।