चंडीगढ़, 13 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
यूजीसी ने कालेज और विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के लिये न्यूनतम शैक्षिक योग्यता एवं अर्हता के लिये यूजीसी-नेट परीक्षा के साथ पीएचडी की शर्त को फिलहाल दो साल तक के लिये स्थगित कर दिया है। यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए पीएचडी को अनिवार्य योग्यता करने के फैसले को फिलहाल 2 साल के लिये टाल दिया गया है। यूजीसी द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक सभी कालेजों और विश्वविद्यालयों में 1 जुलाई 2021 से सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति पाने के लिये नेट के साथ-साथ पीएचडी होना भी आवश्यक अर्हता कर दिया गया था। यूजीसी के रेगुलेशन 2018 के मुताबिक न्यूनतम अर्हता और योग्यता को अब जुलाई 2023 से लागू माना जायेगा। यूजीसी ने इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों को एक सर्कुलर भेज दिया है और इसके पालन की ताकीद की है।