चंडीगढ़/पंचकूला, 5 अक्तूबर (नस)
बिजली विभाग के कर्मचारियों ने प्रशासक के सलाहकार से अपील की कि नियमों के मुताबिक उनकी पदोन्नति की जाए। साथ ही मांग की कि प्रमोशन रोकने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। चंडीगढ़ में बिजली विभाग के निजीकरण की कार्यवाही को बंद करने और कर्मचारियों की सीधी भर्तियों और प्रमोशन के मुद्दों को लेकर बिजली कर्मचारी फिर से सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं। वे 7 अक्तूबर को सेक्टर 17 में धरना देंगे। यूटी पावरमैन यूनियन के आहवान पर आज बिजली दफ्तर सेक्टर 43 के सामने रैली की गई और धरने की रूपरेखा बारे चर्चा हुई। यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2020 के बाद संशोधित पदों को भी नहीं भरा जा रहा। यही नहीं, नियमों के अनुसार बनती प्रमोशन की पोस्टें भी न भरकर सरेआम धक्का किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में यूनियन द्वारा वित्त तथा इंजीनियरिंग सचिव, कार्मिक विभाग, चीफ इंजीनियर व एसई को कई ज्ञापन दिये गये लेकिन उनकी मांगों पर प्रशासन ने कभी विचार नहीं किया। कर्मचारियों का कहना है कि 2020 में निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने के तुरन्त बाद इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने विभाग में कर्मचारियों की सीधी भर्ती का काम बन्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि विभाग ने सामान की खरीदारी भी बन्द कर दी है।