केमिकल नहीं, जड़ी-बूटियों पर भरोसा
मनीमाजरा/चंडीगढ़, 7 जुलाई (हप्र)
‘आयुर्वेद-अतीत की धरोहर, वर्तमान की शक्ति और भविष्य की उम्मीद’-इसी विचार के साथ नीमा व वैद्य सभा चंडीगढ़ द्वारा आयोजित आयुर्वेदिक सीएमई कार्यक्रम संपन्न हुआ। उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से आए 500 से अधिक आयुर्वेद चिकित्सकों ने इसमें भाग लिया। मुख्य अतिथि प्रो. (वैद्य) राकेश शर्मा और विशेष अतिथि डॉ. संजीव गोयल की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत हुई। संगोष्ठी में पंचकर्म, सोरायसिस, वात रोग और ग्रीणी रोग जैसे गंभीर विषयों पर डॉ. संजीव सूद, डॉ. इश, वैद्य प्रगति कटारिया व डॉ. सुहास साखरे ने व्याख्यान दिए। इसमें बताया गया कि केमिकल नहीं, जड़ी-बूटियों पर 92 प्रतिशत लोगों को भरोसा है। नीमा अध्यक्ष डॉ. मीनू गांधी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य आयुर्वेद को नए शोध व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ना है। आयोजन टीम में डॉ. विवेक आहूजा, डॉ. दीपम बत्ता और प्रेस सेक्रेटरी डॉ. शैलेन्द्र भारद्वाज ने इसे सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।