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तीन दिन की उमस से राहत, जलभराव से लोग परेशान

बारिश ने बदला चंडीगढ़ का मिजाज
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बारिश के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में जलभराव से जूझते छात्र। -प्रदीप तिवारी
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तीन दिन की उमस और तपिश से जूझ रहे चंडीगढ़वासियों को रविवार दोपहर अचानक हुई झमाझम बारिश ने राहत दी—लेकिन इस राहत के साथ एक नई चिंता भी आई। दोपहर 12:30 बजे से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला रुक-रुक कर अब तक जारी है। तापमान में गिरावट ने भले ही चैन का अहसास दिलाया हो, मगर सुखना लेक का उफनता पानी खतरे की आहट दे रहा है। बारिश के कारण हुए जलभराव के चलते वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ी। जलभराव के चलते के कई जगह जाम की स्थिति भी रही। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो यदि इसी तरह दो दिन और बारिश हुई, तो फ्लड गेट खोलने की नौबत आ सकती है।

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परीक्षा छोड़, बारिश से बचते दिखे छात्र

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बारिश का असर शहरभर में दिखा, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उन छात्रों को हुई जो कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) देने सेंटर पहुंचे थे। कई छात्र-छात्राएं सेंटरों के बाहर छतों के नीचे भीगने से बचते नज़र आए। कुछ ने दीवारों का सहारा लिया, तो कई ने पास खड़ी गाड़ियों की छांव पकड़ी। सुबह का तापमान जहां 36 डिग्री था, वह बारिश के बाद गिरकर 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

सुखना लेक के पास ‘नो एंट्री’

बारिश का सबसे गंभीर असर सुखना लेक के जलस्तर पर पड़ा है। प्रशासन के अनुसार, पानी अब खतरे के निशान से केवल एक फीट नीचे रह गया है। इसको देखते हुए लेक एरिया में आम लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। लेक रोड पर पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई

है और चेतावनी जारी कर दी गई है।

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