आरोपी महिला की नियमित जमानत याचिका रद्द
250 करोड़ कीमत वाली जीरकपुर स्थित 31 बीघा ट्रस्ट की जमीन हड़पने के लिए साजिश रचने के आरोपों का सामना कर रही कविता ने सीबीआई कोर्ट में अपनी नियमित जमानत याचिका लगाई। सीबीआई ने आरोपी महिला के खिलाफ वर्ष 2023 में मामला दर्ज किया था। इस मामले पर सीबीआई कोर्ट में सोमवार को बचाव पक्ष व सरकारी वकील ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। नियमित जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई के वकील ने अदालत में तर्क रखा कि आरोपी महिला कविता ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर जीरकपुर स्थित 31 बीघा शिकायतकर्ता ट्रस्ट की जमीन हड़पने के लिए साजिश रची, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 250 करोड़ रुपये है। अदालत को बताया गया कि आरोपियों ने झूठे ट्रस्ट दस्तावेजों और प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया, सिविल और आपराधिक कार्यवाही में हेरफेर की, अवैध भूमि अधिग्रहण के लिए जाली रिकॉर्ड का उपयोग किया व जबरदस्ती और प्रलोभन के माध्यम से गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया, संस्थानों की अखंडता को कम किया और कानूनी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया। ऐसे अपराध के लिए आरोपी की जमानत रद्द की जाए।
वहीं बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि आरोपी ने पहले विशेष न्यायाधीश सीबीआई (मोहाली) की अदालत के समक्ष दो अलग-अलग जमानत आवेदन दायर की थी, जिन्हें 5 जुलाई 2025 के आदेश के तहत खारिज कर दिया गया था। आरोपी सहित अन्य सह-आरोपियों को ट्रायल कोर्ट में उपस्थित होने और ट्रायल मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना अलग आत्मसमर्पण और जमानत आवेदन दायर करने का निर्देश दिया गया था। अदालत को बताया गया कि इस न्यायालय द्वारा कुछ सह-अभियुक्तों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है, इसलिए आवेदक को भी इसी प्रकार की रियायत दी जाए। अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने भी सह-अभियुक्त संजीव कुमार गाबा को अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं पाया और तदनुसार उनकी याचिका खारिज कर दी। अदालत ने जमानत आवेदन को खारिज किया और आरोपी को 8 अगस्त को वीसी के माध्यम से न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिए।